अ॒भि वह्नि॒रम॑र्त्यः स॒प्त प॑श्यति॒ वाव॑हिः । क्रिवि॑र्दे॒वीर॑तर्पयत् ॥
English Transliteration
abhi vahnir amartyaḥ sapta paśyati vāvahiḥ | krivir devīr atarpayat ||
Pad Path
अ॒भि । वह्निः॑ । अम॑र्त्यः । स॒प्त । प॒श्य॒ति॒ । वाव॑हिः । क्रिविः॑ । दे॒वीः । अ॒त॒र्प॒य॒त् ॥ ९.९.६
Rigveda » Mandal:9» Sukta:9» Mantra:6
| Ashtak:6» Adhyay:7» Varga:33» Mantra:1
| Mandal:9» Anuvak:1» Mantra:6
Reads times
ARYAMUNI
Word-Meaning: - जो (अमर्त्यः) मृत्युरहित है (वह्निः) प्रकाशमान है (वावहिः) जो सबका प्रेरक है (सप्त, देवीः) भूम्यादि सात प्रकृतियें (अतर्पयत्) जिसका वर्णन करती हैं, (क्रिविः) जो सद्गुणों से भरा हुआ है, वह (पश्यति) सबको अपनी ज्ञानदृष्टि से देखता है ॥६॥
Connotation: - जो परमात्मा महत्त्वादि सात प्रकार की प्रकृतियों से अलंकृत किया हुआ है और जिसको धारणा ध्यानादि बुद्धि की सात वृत्तियें विषय करती हैं, वह परमात्मा सर्वत्र परिपूर्ण हो रहा है, एकमात्र उसी परमात्मा की उपासना करनी चाहिये ॥६॥
Reads times
ARYAMUNI
Word-Meaning: - (अमर्त्यः) यो मृत्युरहितः (वह्निः) प्रकाशमानश्च (वावहिः) यश्च सर्वेषां प्रेरकः (सप्त, देवीः) भूम्यादिसप्त देव्यः (अतर्पयत्) यं वर्णयन्ति (क्रिविः) यः सर्वसद्गुणपूर्णः सः (पश्यति) सर्वान् स्वज्ञानदृष्ट्या ईक्षते ॥६॥