दे॒वेभ्य॑स्त्वा॒ मदा॑य॒ कं सृ॑जा॒नमति॑ मे॒ष्य॑: । सं गोभि॑र्वासयामसि ॥
English Transliteration
devebhyas tvā madāya kaṁ sṛjānam ati meṣyaḥ | saṁ gobhir vāsayāmasi ||
Pad Path
दे॒वेभ्यः॑ । त्वा॒ । मदा॑य । कम् । सृ॒जा॒नम् । अति॑ । मे॒ष्यः॑ । सम् । गोभिः॑ । वा॒स॒या॒म॒सि॒ ॥ ९.८.५
Rigveda » Mandal:9» Sukta:8» Mantra:5
| Ashtak:6» Adhyay:7» Varga:30» Mantra:5
| Mandal:9» Anuvak:1» Mantra:5
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ARYAMUNI
Word-Meaning: - (मेष्यः) अज्ञान की वृत्तियें (सृजानम्) संसार के रचनेवाले तुमको (अति) अतिक्रमण कर जाती हैं (देवेभ्यः, त्वा) दिव्य वृत्तियोंवाले देवताओं के लिये तुम्हारा (कम्) आनन्द (मदाय) आह्लाद के लिये हो, ताकि हम आपको (सम्) भली प्रकार (गोभिः) इन्द्रियों द्वारा (वासयामसि) निवास देवें ॥५॥
Connotation: - जो पुरुष अज्ञानी हैं, उनकी बुद्धि का विषय ईश्वर नहीं होता, इसलिये कहा गया है कि उनकी बुद्धि को अतिक्रमण कर जाता है और जो लोग शुद्ध इन्द्रियोंवाले हैं, वे लोग उसको बुद्धि का विषय बनाकर आनन्द को उपलब्ध करते हैं ॥५॥३०॥
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ARYAMUNI
Word-Meaning: - (मेष्यः) अज्ञानवृत्तयः (सृजानम्) संसारस्य रचयितारम्भवन्तम् (अति) अतिक्रामन्ति। (देवेभ्यः, त्वा) दिव्यवृत्तयो ये देवास्तेभ्यः त्वदीयः (कम्) आनन्दः, (मदाय) आह्लादाय भवतु, येन वयं भवन्तम् (सम्) सम्यक् (गोभिः) इन्द्रियैः (वासयामसि) वासयाम ॥५॥