परि॒ प्र सो॑म ते॒ रसोऽस॑र्जि क॒लशे॑ सु॒तः । श्ये॒नो न त॒क्तो अ॑र्षति ॥
English Transliteration
pari pra soma te raso sarji kalaśe sutaḥ | śyeno na takto arṣati ||
Pad Path
परि॑ । प्र । सो॒म॒ । ते॒ । रसः॑ । अस॑र्जि । क॒लशे॑ । सु॒तः । श्ये॒नः । न । त॒क्तः । अ॒र्ष॒ति॒ ॥ ९.६७.१५
Rigveda » Mandal:9» Sukta:67» Mantra:15
| Ashtak:7» Adhyay:2» Varga:15» Mantra:5
| Mandal:9» Anuvak:3» Mantra:15
Reads times
ARYAMUNI
Word-Meaning: - (सोम) हे परमात्मन् ! (श्येनो न) जैसे विद्युत् (अर्षति) सर्वत्र गमन करती है तथा (ते) आपका (सुतः) स्वतःसिद्ध (तक्तः) सर्वत्र गमनशील (रसः) आनन्द (परि) चारों ओर (कलशे) पवित्र अन्तःकरण में (प्रासर्जि) स्थिर होता है ॥१५॥
Connotation: - जिस प्रकार परमात्मा सर्वत्र व्यापक है, इसी प्रकार उसके आनन्द आदि गुण भी सर्वत्र व्यापक हैं ॥१५॥
Reads times
ARYAMUNI
Word-Meaning: - (सोम) हे जगन्नियन्तः ! (श्येनो न) यथा विद्युद् (अर्षति) सर्वत्र गच्छति तथा (ते) भवतः (सुतः) स्वयंसिद्धः (तक्तः) सर्वगः (रसः) आनन्दः (परि) सर्वतः (कलशे) पूतान्तःकरणेषु (प्रासर्जि) स्थिरो भवति ॥१५॥