आ क॒लशे॑षु धावति श्ये॒नो वर्म॒ वि गा॑हते । अ॒भि द्रोणा॒ कनि॑क्रदत् ॥
English Transliteration
ā kalaśeṣu dhāvati śyeno varma vi gāhate | abhi droṇā kanikradat ||
Pad Path
आ । क॒लशे॑षु । धा॒व॒ति॒ । श्ये॒नः । वर्म॑ । वि । गा॒ह॒ते॒ । अ॒भि । द्रोणा॑ । कनि॑क्रदत् ॥ ९.६७.१४
Rigveda » Mandal:9» Sukta:67» Mantra:14
| Ashtak:7» Adhyay:2» Varga:15» Mantra:4
| Mandal:9» Anuvak:3» Mantra:14
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ARYAMUNI
Word-Meaning: - हे परमात्मन् ! (श्येनः) जैसे विद्युत् (वर्म) विग्रहवत् वस्तु का (विगाहते) अवगाहन करती है और (अभिद्रोणा) प्रत्येक विग्रहवद् वस्तु के अभिमुख (कनिक्रदत्) शब्दायमान होकर प्राप्त होती है। इस प्रकार (कलशेषु) प्रत्येक स्थान में (आधावति) आप विराजमान होते हैं ॥१४॥
Connotation: - विद्युत् निराकार होकर भी सबसे तेजस्वी, ओजस्वी और शब्दायमान है। इसी प्रकार निराकार परमात्मा तेजस्वी, ओजस्वी तथा शब्दयोनि होकर विराजमान है। यहाँ विद्युत् का दृष्टान्त अत्यन्त बल और निराकार के अभिप्राय से है, किसी और अभिप्राय से नहीं ॥१४॥
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ARYAMUNI
Word-Meaning: - जगत्पूज्य परमात्मन् ! (श्येनः) यथा विद्युत् (वर्म) विग्रहवद्वस्तु (विगाहते) अवगाहते। तथा (अभिद्रोणा) प्रतिविग्रहवद्वस्तुनोऽभिमुखं (कनिक्रदत्) सशब्दं प्राप्नोति। इत्थं (कलशेषु) प्रत्येकस्थानेषु (आधावति) भवान् विराजितो भवति ॥१४॥