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प्र सो॑म याहि॒ धार॑या सु॒त इन्द्रा॑य मत्स॒रः । दधा॑नो॒ अक्षि॑ति॒ श्रव॑: ॥

English Transliteration

pra soma yāhi dhārayā suta indrāya matsaraḥ | dadhāno akṣiti śravaḥ ||

Pad Path

प्र । स॒म॒ । या॒हि॒ । धार॑या । सु॒तः । इन्द्रा॑य । म॒त्स॒रः । दधा॑नः । अक्षि॑ति । श्रवः॑ ॥ ९.६६.७

Rigveda » Mandal:9» Sukta:66» Mantra:7 | Ashtak:7» Adhyay:2» Varga:8» Mantra:2 | Mandal:9» Anuvak:3» Mantra:7


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ARYAMUNI

Word-Meaning: - (सोम) हे परमात्मन् ! (धारया) अपने आनन्द की वृष्टि से (प्रयाहि) आप हमको आकर प्राप्त हों। आप (इन्द्राय) ऐश्वर्य के लिए (सुतः) प्रसिद्ध हैं और (मत्सरः) आनन्दस्वरूप हैं तथा (अक्षिति) अक्षय (श्रवः) यश को (दधानः) आप धारण किये हुए हैं ॥७॥
Connotation: - परमात्मा का यश अक्षय है, इसलिए अन्यत्र भी वेद ने वर्णन किया है कि “यस्य नाम महद्यशः” जिसका सबसे बड़ा यश है, वह परमात्मा निराकारभाव से सर्वत्र व्यापक हो रहा है ॥७॥
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ARYAMUNI

Word-Meaning: - (सोम) हे जगदीश्वर ! (धारया) स्वानन्दवृष्ट्या (प्रयाहि) आगत्य मां प्राप्नोतु। भवान् (इन्द्राय) ऐश्वर्याय (सुतः) प्रसिद्धोऽस्ति। अथ च (मत्सरः) आनन्दस्वरूपोऽस्ति। तथा (अक्षिति) अक्षयं (श्रवः) यशः (दधानः) धार्यमाणोऽस्ति ॥७॥