तवे॒मे स॒प्त सिन्ध॑वः प्र॒शिषं॑ सोम सिस्रते । तुभ्यं॑ धावन्ति धे॒नव॑: ॥
English Transliteration
taveme sapta sindhavaḥ praśiṣaṁ soma sisrate | tubhyaṁ dhāvanti dhenavaḥ ||
Pad Path
तव॑ । इ॒मे । स॒प्त । सिन्ध॑वः । प्र॒ऽशिष॑म् । सो॒म॒ । सि॒स्र॒ते॒ । तुभ्य॑म् । धा॒व॒न्ति॒ । धे॒नवः॑ ॥ ९.६६.६
Rigveda » Mandal:9» Sukta:66» Mantra:6
| Ashtak:7» Adhyay:2» Varga:8» Mantra:1
| Mandal:9» Anuvak:3» Mantra:6
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ARYAMUNI
Word-Meaning: - (सोम) हे परमात्मन् ! (तव) तुम्हारे (इमे) ये (सप्त सिन्धवः) सात प्रकार के (धेनवः) वाणियों के प्रवाह (प्रशिषम्) प्रशासन को (सिस्रते) अनुसरण करते हैं और (तुभ्यम्) तुम्हारे लिए ही (धावन्ति) प्रतिदिन गमन करते हैं ॥६॥
Connotation: - परमात्मा के शासन में वेदादि वाणियों के प्रवाह बहते हैं। अथवा यों कहो कि ज्ञानेन्द्रियों के सप्त छिद्रों के द्वारा प्राण सिन्धु के समान प्रतिक्षण क्रिया को प्राप्त हो रहे हैं। अथवा यों कहो कि सम्पूर्ण भूत, सिन्धु आदि नदियों के समान उसी से निकलकर उसी के स्वरूप में प्रतिदिन स्त्रवित होते हैं ॥६॥
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ARYAMUNI
Word-Meaning: - (सोम) चराचरोत्पादक परमात्मन् ! (तव) भवतः (इमे) इमे (सप्त सिन्धवः) सप्तविधाः (धेनवः) वाणीप्रवाहाः (प्रशिषम्) प्रशासनम् (सिस्रते) अनुसरन्ति। अथ च (तुभ्यम्) तुभ्यमेव (धावन्ति) प्रतिदिनं गच्छन्ति ॥६॥