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तव॑ शु॒क्रासो॑ अ॒र्चयो॑ दि॒वस्पृ॒ष्ठे वि त॑न्वते । प॒वित्रं॑ सोम॒ धाम॑भिः ॥

English Transliteration

tava śukrāso arcayo divas pṛṣṭhe vi tanvate | pavitraṁ soma dhāmabhiḥ ||

Pad Path

तव॑ । शु॒क्रासः॑ । अ॒र्चयः॑ । दि॒वः । पृ॒ष्ठे । वि । त॒न्व॒ते॒ । प॒वित्र॑म् । सो॒म॒ । धाम॑ऽभिः ॥ ९.६६.५

Rigveda » Mandal:9» Sukta:66» Mantra:5 | Ashtak:7» Adhyay:2» Varga:7» Mantra:5 | Mandal:9» Anuvak:3» Mantra:5


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ARYAMUNI

Word-Meaning: - (सोम) हे परमात्मन् ! (धामभिः) आप अपनी शक्तियों से (पवित्रम्) पवित्र हैं। (तव) तुम्हारी (शुक्रासः) बलवाली (अर्चयः) प्रकाश की लहरें (दिवस्पृष्ठे) द्युलोक के ऊपर (वितन्वते) विस्तृत हो रही हैं ॥५॥
Connotation: - परमात्मा की ज्योति सर्वत्र दीप्तिमती है, उसके प्रकाश से एक रेणु भी खाली नहीं। द्युलोक में उसका प्रकाश इस प्रकार फैला हुआ है, जैसे मकड़ी के जाले के तन्तुओं के आतान-वितान का पारावार नहीं मिलता, इसी प्रकार उसका पारावार नहीं ॥ अथवा यों कहो कि मयूरपिच्छ की शोभा के समान उसके द्युलोक की अनन्त प्रकार की शोभा है, जिसको परमात्मज्योति ने देदीप्यमान किया है ॥५॥
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ARYAMUNI

Word-Meaning: - (सोम) हे परमेश्वर ! (धामभिः) भवान् स्वशक्तिभिः (पवित्रम्) पवित्रोऽस्ति (तव) भवतः (शुक्रासः) बलवत्यः (अर्चयः) प्रकाशोर्मयः (दिवस्पृष्ठे) द्युलोकोपरि (वितन्वते) विस्तृताः सन्ति ॥५॥