अ॒ग्निॠषि॒: पव॑मान॒: पाञ्च॑जन्यः पु॒रोहि॑तः । तमी॑महे महाग॒यम् ॥
English Transliteration
agnir ṛṣiḥ pavamānaḥ pāñcajanyaḥ purohitaḥ | tam īmahe mahāgayam ||
Pad Path
अ॒ग्निः । ऋषिः॑ । पव॑मानः । पाञ्च॑ऽजन्यः । पु॒रःऽहि॑तः । तम् । ई॒म॒हे॒ । म॒हा॒ऽग॒यम् ॥ ९.६६.२०
Rigveda » Mandal:9» Sukta:66» Mantra:20
| Ashtak:7» Adhyay:2» Varga:10» Mantra:5
| Mandal:9» Anuvak:3» Mantra:20
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ARYAMUNI
Word-Meaning: - (अग्निः) ज्ञानस्वरूप (ऋषिः) सर्वव्यापक परमात्मा (पवमानः) सबको पवित्र करनेवाला है (पाञ्चजन्यः) पाँचों ज्ञानेन्द्रियों को शुभ मार्ग में चलानेवाला (पुरोहितः) वैदिक लोगों का एकमात्र उपास्य (महागयम्) वेदराशिरूप धन को देनेवाला है, (तम्) उसको (ईमहे) हम लोग प्राप्त हों ॥२०॥
Connotation: - जो परमात्मा सर्वगत परिपूर्ण और नित्य-शुद्ध-बुद्ध-मुक्तस्वभाव है, जिसकी उपासना से ज्ञानेन्द्रिय और कर्मेन्द्रिय दोनों बलवीर्यसंपन्न होकर ऐश्वर्य के उपलब्ध करने का सर्वोपरि हेतु बनते हैं, हम एकमात्र उक्तगुणसंपन्न परमात्मा को ही अपना उपास्य समझें ॥२०॥
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ARYAMUNI
Word-Meaning: - (अग्निः) ज्ञानस्वरूपः (ऋषिः) सर्वव्यापकः ऋषति ज्ञानदृष्ट्या सर्वत्र गच्छतीति यावत्। (पाञ्चजन्यः) पञ्चज्ञानेन्द्रियाणां शुभमार्गचालकः (पुरोहितः) वैदिकानामुपास्यः (महागयम्) वेदराशिरूपधनदाता परमात्मास्ति (तम् ईमहे) भवन्तं प्राप्नुमः ॥२०॥