तस्य॑ ते वा॒जिनो॑ व॒यं विश्वा॒ धना॑नि जि॒ग्युष॑: । स॒खि॒त्वमा वृ॑णीमहे ॥
English Transliteration
tasya te vājino vayaṁ viśvā dhanāni jigyuṣaḥ | sakhitvam ā vṛṇīmahe ||
Pad Path
तस्य॑ । ते॒ । वा॒जिनः॑ । व॒यम् । विश्वा॑ । धना॑नि । जि॒ग्युषः॑ । स॒खि॒ऽत्वम् । आ । वृ॒णी॒म॒हे॒ ॥ ९.६५.९
Rigveda » Mandal:9» Sukta:65» Mantra:9
| Ashtak:7» Adhyay:2» Varga:2» Mantra:4
| Mandal:9» Anuvak:3» Mantra:9
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ARYAMUNI
Word-Meaning: - हे परमात्मन् ! जो आप (विश्वा) सम्पूर्ण (धनानि) धन (जिग्युषः) स्वाधीन करनेवाले हैं, (तस्य ते) उस आपके (सखित्वम्) मैत्रीभाव को (वाजिनः) हम उपासक लोग (आ वृणीमहे) सब प्रकार से वरण करते हैं ॥९॥
Connotation: - इस मन्त्र में परमात्मा के साथ मैत्रीभाव का उपदेश है। तात्पर्य यह है कि जो सर्वशक्तिसम्पन्न परमात्मा से मित्रता का भाव रखते हैं, वे लोग परमात्मा के प्रिय गुणों को अपने में अवश्यमेव धारण करते हैं ॥९॥
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ARYAMUNI
Word-Meaning: - हे परमेश्वर ! यस्त्वं (विश्वा) समस्तानि (धनानि) धनानि (जिग्युषः) स्वाधीनानि करोषि (तस्य ते) एवम्भूतस्य भवतः (सखित्वम्) मैत्रीभावं (वयं वाजिनः) उपासका वयं (आ वृणीमहे) वृणुमः ॥९॥