य आ॑र्जी॒केषु॒ कृत्व॑सु॒ ये मध्ये॑ प॒स्त्या॑नाम् । ये वा॒ जने॑षु प॒ञ्चसु॑ ॥
English Transliteration
ya ārjīkeṣu kṛtvasu ye madhye pastyānām | ye vā janeṣu pañcasu ||
Pad Path
ये । आ॒र्जी॒केषु॑ । कृत्व॑ऽसु । ये । मध्ये॑ । प॒स्त्या॑नाम् । ये । वा॒ । जने॑षु । प॒ञ्चऽसु॑ ॥ ९.६५.२३
Rigveda » Mandal:9» Sukta:65» Mantra:23
| Ashtak:7» Adhyay:2» Varga:5» Mantra:3
| Mandal:9» Anuvak:3» Mantra:23
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ARYAMUNI
Word-Meaning: - (ये) जो विद्वान् (आर्जीकेषु कृत्वसु) सत्कर्मों में और (ये) जो विद्वान् (पस्त्यानां मध्ये) गृहकर्मों में चतुर हैं (ये वा) और जो (जनेषु पञ्चसु) पाँच प्रकार के मनुष्यों में शिक्षा दे सकते हैं, वे सब हमारे लिये कल्याणकारी हों ॥२३॥
Connotation: - इस मन्त्र में विद्वानों के गुणों का वर्णन किया है। पाँच प्रकार के मनुष्यों की विद्या का तात्पर्य यहाँ यह है कि जो विद्वान् ब्राह्मण क्षत्रिय वैश्य और शूद्र इन चारों वर्णों में उपदेश कर सकते हैं और पाँचवें उन मनुष्यों में जो सर्वथा असंस्कारी हैं अर्थात् दस्युभाव को प्राप्त हैं, इन सबको सुधार सकते हैं, वे प्रजा के लिये सदैव कल्याणकारी होते हैं ॥२३॥
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ARYAMUNI
Word-Meaning: - (ये) ये विद्वांसः (आर्जीकेषु कृत्वसु) सत्कर्मसु तथा (ये) ये खलु (पस्त्यानां मध्ये) गृहकर्मसु कुशलाः सन्ति (ये वा) अथ ये खलु (जनेषु पञ्चसु) पञ्चविधेषु मनुष्येषु शिक्षितुं शक्नुवन्ति, ते सर्वे अस्माकं कल्याणकारिणो भवन्तु ॥२३॥