Go To Mantra

पव॑मान रु॒चारु॑चा दे॒वो दे॒वेभ्य॒स्परि॑ । विश्वा॒ वसू॒न्या वि॑श ॥

English Transliteration

pavamāna rucā-rucā devo devebhyas pari | viśvā vasūny ā viśa ||

Pad Path

पव॑मान । रु॒चाऽरु॑चा । दे॒वः । दे॒वेभ्यः॑ । परि॑ । विश्वा॑ । वसू॑नि । आ । वि॒श॒ ॥ ९.६५.२

Rigveda » Mandal:9» Sukta:65» Mantra:2 | Ashtak:7» Adhyay:2» Varga:1» Mantra:2 | Mandal:9» Anuvak:3» Mantra:2


Reads times

ARYAMUNI

Word-Meaning: - (देवेभ्यस्परि देवः) जो सब देवों से उत्तम देव है तथा जो परमात्मा (रुचा रुचा पवमानः) अपनी ज्ञानदीप्ति से सबको पवित्र करता है, ऐसा परमेश्वर (विश्वा वसूनि) सब ऐश्वर्यों के साथ (आविश) मेरे अन्तःकरण में आकर निवास करे ॥२॥
Connotation: - परमात्मा को सर्वोपरि देव इसलिये कथन किया गया है कि उन दिव्यशक्ति के आगे सब शक्तियें तुच्छ हैं, इसीलिये अन्यत्र भी वेद में कहा गया है कि “एषो देवः प्रदिशोऽनुसर्वः”। यह सर्वोपरि देव सर्वत्र परिपूर्ण है। यहाँ उसी स्वजातीय विजातीय स्वगतभेदशून्य देव से यह प्रार्थना की गई है कि हे प्रभो ! आप आकर हमारे हृदयों को शुद्ध करें ॥२॥
Reads times

ARYAMUNI

Word-Meaning: - (देवेभ्यस्परि देवः) सर्वोत्तमदेवः तथा यः परमेश्वरः (रुचा रुचा पवमानः) ज्ञानदीप्त्या सर्वान् पवित्रयति। एवम्भूतो जगदीश्वरः (विश्वा वसूनि) सर्वैश्वर्यैः सह (आविश) ममान्तःकरणमागत्य निवसतु ॥२॥