आ क॒लशा॑ अनूष॒तेन्दो॒ धारा॑भि॒रोज॑सा । एन्द्र॑स्य पी॒तये॑ विश ॥
English Transliteration
ā kalaśā anūṣatendo dhārābhir ojasā | endrasya pītaye viśa ||
Pad Path
आ । क॒लशाः॑ । अ॒नू॒ष॒त॒ । इन्दो॒ इति॑ । धारा॑भिः । ओज॑सा । आ । इन्द्र॑स्य । पी॒तये॑ । वि॒श॒ ॥ ९.६५.१४
Rigveda » Mandal:9» Sukta:65» Mantra:14
| Ashtak:7» Adhyay:2» Varga:3» Mantra:4
| Mandal:9» Anuvak:3» Mantra:14
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ARYAMUNI
Word-Meaning: - (इन्दो) हे सर्वप्रकाशक परमात्मन् ! आप (धाराभिः) आनन्द की वृष्टि द्वारा (इन्द्रस्य पीतये) कर्मयोगी की तृप्ति के लिये (कलशाः) उसके अन्तःकरण में (आ विश) सब ओर से प्रवेश करें और (ओजसा) अपने प्रकाश से कर्मयोगी को (अनूषत) विभूषित करें ॥१४॥
Connotation: - जो पुरुष कर्म करने में तत्पर रहते हैं अर्थात् उद्योगी हैं, परमात्मा उनको अपने प्रकाश से परमोद्योगी बनाता है ॥१४॥
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ARYAMUNI
Word-Meaning: - (इन्दो) सर्वप्रकाशकर्तः परमात्मन् ! त्वं (धाराभिः) आमोदवृष्टिभिः (इन्द्रस्य पीतये) कर्मयोगिनस्तृप्तये (कलशाः) कर्मयोगिनामन्तःकरणेषु (आ विश) परितः प्रविश। अथ च (ओजसा) स्वप्रकाशेन कर्मयोगिनं (अनूषत) विभूषय ॥१४॥