Go To Mantra

इ॒षे प॑वस्व॒ धार॑या मृ॒ज्यमा॑नो मनी॒षिभि॑: । इन्दो॑ रु॒चाभि गा इ॑हि ॥

English Transliteration

iṣe pavasva dhārayā mṛjyamāno manīṣibhiḥ | indo rucābhi gā ihi ||

Mantra Audio
Pad Path

इ॒षे । प॒व॒स्व॒ । धार॑या । मृ॒ज्यमा॑नः । म॒नी॒षिऽभिः॑ । इन्दो॒ इति॑ । रु॒चा । अ॒भि । गाः । इ॒हि॒ ॥ ९.६४.१३

Rigveda » Mandal:9» Sukta:64» Mantra:13 | Ashtak:7» Adhyay:1» Varga:38» Mantra:3 | Mandal:9» Anuvak:3» Mantra:13


Reads times

ARYAMUNI

Word-Meaning: - (इन्दो) हे ऐश्वर्ययुक्त परमात्मन् ! आप (इषे) ऐश्वर्य के लिये (पवस्व) हमको योग्य बनाएँ और (मनीषिभिः) बुद्धिमानों से (अभि मृज्यमानः) उपास्यमान आप (धारया) अपने आनन्द की वृष्टि से (गाः) हमारी इन्द्रियों को पवित्र करें। (रुचा) अपने प्रकाशस्वरूप से (इहि) आकर हमारे अन्तःकरण को पवित्र कीजिये ॥१३॥
Connotation: - जो लोग शुद्ध अन्तःकरण से परमात्मा की उपासना करते हैं, परमात्मा उनकी शक्तियों को बढ़ाता है और उनकी इन्द्रियों को विमल करके ऐश्वर्यप्राप्ति के योग्य बनाता है ॥१३॥
Reads times

ARYAMUNI

Word-Meaning: - (इन्दो) हे परमैश्वर्यसम्पन्न परमात्मन् ! भवान् (इषे) ऐश्वर्यार्थं (पवस्व) सुयोग्यं करोतु। अथ च (मनीषिभिः) बुद्धिमद्भिः (अभि मृज्यमानः) उपास्यमानो भवान् (धारया) स्वानन्दवृष्ट्या (गाः) अस्मदिन्द्रियाणि पवित्रयतु। (रुचा) स्वप्रकाशस्वरूपेण (इहि) आगत्य ममान्तःकरणं पवित्रयतु ॥१३॥