पव॑माना असृक्षत॒ सोमा॑: शु॒क्रास॒ इन्द॑वः । अ॒भि विश्वा॑नि॒ काव्या॑ ॥
English Transliteration
pavamānā asṛkṣata somāḥ śukrāsa indavaḥ | abhi viśvāni kāvyā ||
Pad Path
पव॑मानाः । अ॒सृ॒क्ष॒त॒ । सोमाः॑ । शु॒क्रासः॑ । इन्द॑वः । अ॒भि । विश्वा॑नि । काव्या॑ ॥ ९.६३.२५
Rigveda » Mandal:9» Sukta:63» Mantra:25
| Ashtak:7» Adhyay:1» Varga:34» Mantra:5
| Mandal:9» Anuvak:3» Mantra:25
Reads times
ARYAMUNI
Word-Meaning: - (शुक्रासः) जो बलवान् तथा (इन्दवः) दीप्तिमान् है, ऐसा (पवमानाः) रक्षा करनेवाला (सोमाः) परमात्मा (विश्वानि) सम्पूर्ण (काव्या) वेद को (अभ्यसृक्षत) प्रकाशित करता है ॥२५॥
Connotation: - इस मन्त्र में इस बात का कथन है कि परमात्मा सब ज्ञानों का स्त्रोत तथा वेद का प्रकाशक है। जैसा कि “तस्माद्यज्ञात्सर्वहुत ऋचः सामानि जज्ञिरे” इत्यादि मन्त्रों में अन्यत्र भी वर्णन किया है कि परमात्मा से ऋगादि वेद उत्पन्न हुए ॥२५॥
Reads times
ARYAMUNI
Word-Meaning: - (शुक्रासः) यः बलवान् तथा (इन्दवः) दीप्तिमानस्ति एतादृशः (पवमानाः) रक्षकः (सोमाः) परमात्मा (विश्वानि) सम्पूर्णं (काव्या) वेदं (अभ्यसृक्षत) प्रकाशयति ॥२५॥