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पव॑मान॒ नि तो॑शसे र॒यिं सो॑म श्र॒वाय्य॑म् । प्रि॒यः स॑मु॒द्रमा वि॑श ॥

English Transliteration

pavamāna ni tośase rayiṁ soma śravāyyam | priyaḥ samudram ā viśa ||

Pad Path

पव॑मान । नि । तो॑शसे । र॒यिम् । सो॒म॒ । श्र॒वाय्य॑म् । प्रि॒यः । स॒मु॒द्रम् । आ । वि॒श॒ ॥ ९.६३.२३

Rigveda » Mandal:9» Sukta:63» Mantra:23 | Ashtak:7» Adhyay:1» Varga:34» Mantra:3 | Mandal:9» Anuvak:3» Mantra:23


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ARYAMUNI

Word-Meaning: - (पवमान) हे सबको पवित्र करनेवाले ! (सोम) हे परमात्मन् ! जो आप (श्रवाय्यं रयिम्) दुष्टों के धन को (नितोशसे) भलि-भाँति नष्ट करते हैं, वह (प्रियः) आनन्ददाता आप (समुद्रम्) आर्द्रीभूत हमारे अन्तःकरण में (आविश) विराजमान होवें ॥२३॥
Connotation: - इस मन्त्र में परमात्मा के रौद्रभाव का वर्णन किया है। जैसा कि “भयं वज्रमुद्यतम्” इस उपनिषद्वाक्य में परमात्मा के वज्र को भयरूप से वर्णन किया गया है। इसी प्रकार यहाँ परमात्मा का स्वरूप दुष्टों के प्रति भयप्रद वर्णन किया है ॥२३॥
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ARYAMUNI

Word-Meaning: - (पवमान) सर्वपावकपरमात्मन् ! (सोम) सौम्यस्वभाव ! यो भवान् (श्रवाय्यम् रयिम्) दुष्टानां धनं (नितोशसे) नितरां नाशयति सः (प्रियः) आनन्दप्रदो भवान् (समुद्रम्) आर्द्रीभूते मदन्तःकरणे (आविश) विराजमानो भवतु ॥२३॥