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आ न॒: सोमं॑ प॒वित्र॒ आ सृ॒जता॒ मधु॑मत्तमम् । दे॒वेभ्यो॑ देव॒श्रुत्त॑मम् ॥

English Transliteration

ā naḥ somam pavitra ā sṛjatā madhumattamam | devebhyo devaśruttamam ||

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Pad Path

आ । नः॒ । सोम॑म् । प॒वित्रे॑ । आ । सृ॒जत॑ । मधु॑मत्ऽतमम् । दे॒वेभ्यः॑ । दे॒व॒श्रुत्ऽत॑मम् ॥ ९.६२.२१

Rigveda » Mandal:9» Sukta:62» Mantra:21 | Ashtak:7» Adhyay:1» Varga:28» Mantra:1 | Mandal:9» Anuvak:3» Mantra:21


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ARYAMUNI

Word-Meaning: - हे विद्वानों ! तुम (नः) हम लोगों के (सोमम्) सौम्य स्वभाववाले स्वामी को (आ सृजत) इस प्रकार सिद्ध करो, जिससे (मधुमत्तमम्) मधुर स्वभाववालों में उत्तम हो और (देवेभ्यः देवश्रुत्तमम्) सब देवों अर्थात् विद्वानों की प्रार्थना सुननेवाला हो ॥२१॥
Connotation: - हे प्रजाजनों ! तुम ऐसे सेनापति वरण करो, जो मधुर स्वभाववाला हो और सबकी प्रार्थनाओं पर ध्यान देनेवाला हो ॥२१॥
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ARYAMUNI

Word-Meaning: - हे पण्डिताः ! यूयं (नः) अस्माकं (सोमम्) सौम्यस्वभाववन्तं स्वामिनं (आ सृजत) इत्थं साधयत यथा (मधुमत्तमम्) मधुरप्रकृतिषूत्तमो भवतु। अथ च (देवेभ्यः देवश्रुत्तमम्) विद्वज्जनप्रार्थनां शृणोतु ॥२१॥