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स नो॒ भगा॑य वा॒यवे॑ पू॒ष्णे प॑वस्व॒ मधु॑मान् । चारु॑र्मि॒त्रे वरु॑णे च ॥

English Transliteration

sa no bhagāya vāyave pūṣṇe pavasva madhumān | cārur mitre varuṇe ca ||

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Pad Path

सः । नः॒ । भगा॑य । वा॒यवे॑ । पू॒ष्णे । प॒व॒स्व॒ । मधु॑ऽमान् । चारुः॑ । मि॒त्रे । वरु॑णे । च॒ ॥ ९.६१.९

Rigveda » Mandal:9» Sukta:61» Mantra:9 | Ashtak:7» Adhyay:1» Varga:19» Mantra:4 | Mandal:9» Anuvak:3» Mantra:9


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ARYAMUNI

Word-Meaning: - (मधुमान्) मधुर आनन्द के उत्पादक (चारुः) सर्वत्र गतिवाले (सः) वह आप (नः) मुझको (मित्रे) और उचित कर्म करनेवाले को तथा (वरुणे) जो सत्कार करने योग्य है, उसको (भगाय) ऐश्वर्य (वायवे) सुन्दर गति (पूष्णे) तथा पुष्टि प्राप्त होने के लिये (पवस्व) सोद्योग होवें ॥९॥
Connotation: - इस मन्त्र में परमात्मा से उद्योग की प्रार्थना की गई है। परमात्मा की परमकृपा से ही पुरुष उद्योगी बनकर परम ऐश्वर्य को प्राप्त होता है ॥९॥
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ARYAMUNI

Word-Meaning: - (मधुमान्) मधुरानन्दोत्पादकः (चारुः) सर्वत्र गतिशीलः (सः) स भवान् (नः) मह्यं (मित्रे) उचितकर्मकर्त्रे तथा (वरुणे) यः सत्कारार्हस्तस्मै (भगाय) ऐश्वर्याय (वायवे) सुन्दरगतये च (पूष्णे) तथा पुष्टिप्राप्तये (पवस्व) उद्योगसहितो भवतु ॥९॥