पव॑मानो असिष्यद॒द्रक्षां॑स्यप॒जङ्घ॑नत् । प्र॒त्न॒वद्रो॒चय॒न्रुच॑: ॥
English Transliteration
pavamāno asiṣyadad rakṣāṁsy apajaṅghanat | pratnavad rocayan rucaḥ ||
Pad Path
पव॑मानः । अ॒सि॒स्य॒द॒त् । रक्षां॑सि । अ॒प॒ऽजङ्घ॑नत् । प्र॒त्न॒ऽवत् । रो॒चय॑न् । रुचः॑ ॥ ९.४९.५
Rigveda » Mandal:9» Sukta:49» Mantra:5
| Ashtak:7» Adhyay:1» Varga:6» Mantra:5
| Mandal:9» Anuvak:2» Mantra:5
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ARYAMUNI
Word-Meaning: - (पवमानः) सबको पवित्र करनेवाला परमात्मा (रक्षांसि अपजङ्घनत्) असत्कर्मियों को नष्ट करता हुआ और (प्रत्नवत् रुचः रोचयन्) पहले ही के समान सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड में अपने प्रकाश को फैलाता हुआ (असिस्यदत्) सर्वत्र व्याप्त हो रहा है ॥५॥
Connotation: - परमात्मा चराचर के हृदय में स्थिर है, इसलिए उसकी स्थिति को अत्यन्त सन्निहित मानकर सदैव परमात्मपरायण होना चाहिए ॥ यह ४९ वाँ सूक्त और ६ वाँ वर्ग समाप्त हुआ ॥
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ARYAMUNI
Word-Meaning: - (पवमानः) सर्वपवित्रकर्ता परमात्मा (रक्षांसि अपजङ्घनत्) असत्कर्मिणां नाशं कुर्वन् तथा (प्रत्नवत् रुचः रोचयन्) पूर्ववदेव सम्पूर्णब्रह्माण्डे स्वतेजो विस्तारयन् (असिस्यदत्) सर्वत्र व्याप्नोति ॥५॥ इति ऊनपञ्चाशत्तमं सूक्तं षष्ठो वर्गश्च समाप्तः ॥