परि॑ष्कृतास॒ इन्द॑वो॒ योषे॑व॒ पित्र्या॑वती । वा॒युं सोमा॑ असृक्षत ॥
English Transliteration
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pariṣkṛtāsa indavo yoṣeva pitryāvatī | vāyuṁ somā asṛkṣata ||
Pad Path
परि॑ऽकृतासः । इन्द॑वः । योषा॑ऽइव । पित्र्य॑ऽवती । वा॒युम् । सोमाः॑ । अ॒सृ॒क्ष॒त॒ ॥ ९.४६.२
Rigveda » Mandal:9» Sukta:46» Mantra:2
| Ashtak:7» Adhyay:1» Varga:3» Mantra:2
| Mandal:9» Anuvak:2» Mantra:2
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ARYAMUNI
Word-Meaning: - (पित्र्यावती योषेव) पितावाली कन्या के समान (परिष्कृतासः) ब्रह्मविद्या से अलंकृत होने से (इन्दवः) परम ऐश्वर्यसम्पन्न होकर (सोमाः) वे विद्वान् लोग (वायुम्) सूक्ष्मभाव को प्राप्त हुए पदार्थों को (असृक्षत) सिद्ध करते हैं ॥२॥
Connotation: - कर्म्मयोगी पुरुष उक्त पदार्थों से अति सूक्ष्मभाव निकालकर प्रजाओं में प्रचार करते हैं, इसलिये प्रत्येक पुरुष को चाहिये कि वह कर्म्मयोगी विद्वानों का सत्कार करे, ताकि विज्ञान की वृद्धि होकर प्रजाओं में सुख का संचार हो ॥२॥
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Word-Meaning: - (पित्र्यावती योषेव) पितृमती कन्यकेव (परिष्कृतासः) ब्रह्मविद्ययालङ्कृताः (इन्दवः) परमैश्वर्यसम्पन्नाः (सोमाः) ते विद्वांसः (वायुम्) सूक्ष्मभावमापन्नान् पदार्थान् (असृक्षत) साधयन्ति ॥२॥