स नो॑ अर्षा॒भि दू॒त्यं१॒॑ त्वमिन्द्रा॑य तोशसे । दे॒वान्त्सखि॑भ्य॒ आ वर॑म् ॥
English Transliteration
sa no arṣābhi dūtyaṁ tvam indrāya tośase | devān sakhibhya ā varam ||
Pad Path
सः । नः॒ । अ॒र्ष॒ । अ॒भि । दू॒त्य॑म् । त्वम् । इन्द्रा॑य । तो॒श॒से॒ । दे॒वान् । सखि॑ऽभ्यः॑ । आ । वर॑म् ॥ ९.४५.२
Rigveda » Mandal:9» Sukta:45» Mantra:2
| Ashtak:7» Adhyay:1» Varga:2» Mantra:2
| Mandal:9» Anuvak:2» Mantra:2
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ARYAMUNI
Word-Meaning: - हे परमात्मन् ! (सः) वह आप (नः दूत्यम् अभ्यर्ष) हमारे लिये कर्मयोग प्रदान करिये (त्वम् इन्द्राय तोशसे) क्योंकि आप परमैश्वर्यसम्पन्न होने के लिये स्तुति किये जाते हैं (देवान् सखिभ्यः) और सत्कर्मी विद्वानों के लिये (आवरम्) भली प्रकार उनके अभीष्ट को दीजिये ॥२॥
Connotation: - परमात्मा सदाचारियों को सुख और दुष्कर्मियों को दुःख देता है। परमात्मा के राज्य में किसी के साथ भी अन्याय नहीं होता। इस बात को ध्यान में रखकर मनुष्य को सदैव सदाचारी बनने का यत्न करना चाहिये ॥२॥
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ARYAMUNI
Word-Meaning: - हे परमात्मन् ! (सः) स त्वम् (नः दूत्यम् अभ्यर्ष) अस्मभ्यं कर्मयोगं प्रदेहि (त्वम् इन्द्राय तोशसे) यतस्त्वं परमैश्वर्यसम्प्राप्तये स्तूयसे अथ च (देवान् सखिभ्यः) सत्कर्मिभ्यो विद्वद्भ्यः (आवरम्) सुष्ठु तन्मनोऽभीष्टं देहि ॥२॥