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ज॒नय॑न्रोच॒ना दि॒वो ज॒नय॑न्न॒प्सु सूर्य॑म् । वसा॑नो॒ गा अ॒पो हरि॑: ॥

English Transliteration

janayan rocanā divo janayann apsu sūryam | vasāno gā apo hariḥ ||

Pad Path

ज॒नय॑न् । रो॒च॒ना । दि॒वः । ज॒नय॑न् । अ॒प्ऽसु । सूर्य॑म् । वसा॑नः । गाः । अ॒पः । हरिः॑ ॥ ९.४२.१

Rigveda » Mandal:9» Sukta:42» Mantra:1 | Ashtak:6» Adhyay:8» Varga:32» Mantra:1 | Mandal:9» Anuvak:2» Mantra:1


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ARYAMUNI

अब परमात्मा को सूर्यादि के कर्त्तारूप से वर्णन करते हैं।

Word-Meaning: - (हरिः) पापों का हरनेवाला वह परमात्मा (दिवः रोचना जनयन्) आकाश में प्रकाशित होनेवाले ग्रह-नक्षत्रादिकों को उत्पन्न करता हुआ और (अप्सु सूर्यम् जनयन्) अन्तरिक्ष में सूर्य को उत्पन्न करता हुआ (गाः अपः) भूमि तथा द्युलोक को (वसानः) अच्छादित करता हुआ सर्वत्र व्याप्त हो रहा है ॥१॥
Connotation: - उसी परमात्मा ने सूर्य्यादि सब लोकों को उत्पन्न किया और उसी की सत्ता से स्थिर होकर सब लोक-लोकान्तर अपनी-अपनी स्थिति को लाभ कर रहे हैं ॥१॥
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ARYAMUNI

अथ परमात्मनः सूर्यादीनां कर्तृत्वं वर्ण्यते |

Word-Meaning: - (हरिः) किल्विषविनाशकः स परमात्मा (दिवः रोचना जनयन्) आकाशे प्रकाशितानि ग्रहनक्षत्रादीनि जनयन् (अप्सु सूर्यम् जनयन्) अन्तरिक्षे सूर्यं समुत्पादयंश्च (गाः अपः) भूमिं द्यावं च (वसानः) आच्छादयन् सर्वत्र व्याप्तो भवति ॥१॥