सना॒ दक्ष॑मु॒त क्रतु॒मप॑ सोम॒ मृधो॑ जहि । अथा॑ नो॒ वस्य॑सस्कृधि ॥
English Transliteration
sanā dakṣam uta kratum apa soma mṛdho jahi | athā no vasyasas kṛdhi ||
Pad Path
सना॑ । दक्ष॑म् । उ॒त । क्रतु॑म् । अप॑ । सो॒म॒ । मृधः॑ । ज॒हि॒ । अथ॑ । नः॒ । वस्य॑सः । कृ॒धि॒ ॥ ९.४.३
Rigveda » Mandal:9» Sukta:4» Mantra:3
| Ashtak:6» Adhyay:7» Varga:22» Mantra:3
| Mandal:9» Anuvak:1» Mantra:3
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ARYAMUNI
Word-Meaning: - (सोम) हे सौम्यस्वभाव परमात्मन् ! (क्रतुम्) हमारे शुभ कर्म्मों की आप (सन) रक्षा करें (अथ) और (मृधः) पाप कर्म्मों को (अप जहि) हमसे दूर करें (उत) और (दक्षम्) सुनीति और (वस्यसः) मुक्ति सदा (कृधि) करो ॥३॥
Connotation: - जो पुरुष शुद्धभाव से परमात्मपरायण होते हैं, परमात्मा उनके पापकर्म्मों को हर लेता है और नाना प्रकार के चातुर्य्य उनको प्रदान करता है ॥३॥
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ARYAMUNI
Word-Meaning: - (सोम) हे सौम्यस्वभाव परमात्मन् ! (क्रतुम्) अस्मच्छुभकर्माणि (सन) रक्षतु (अथ) किञ्च (मृधः) पापकर्म्माणि (अप, जहि) अस्मत्तोऽपनय (उत) अथ (दक्षम्) सुनीतिं (वस्यसः) मुक्तिं (कृधि) कुरु ॥३॥