अ॒यं स यो दि॒वस्परि॑ रघु॒यामा॑ प॒वित्र॒ आ । सिन्धो॑रू॒र्मा व्यक्ष॑रत् ॥
English Transliteration
ayaṁ sa yo divas pari raghuyāmā pavitra ā | sindhor ūrmā vy akṣarat ||
Pad Path
अ॒यम् । सः । यः । दि॒वः । परि॑ । र॒घु॒ऽयामा॑ । प॒वित्रे॑ । आ । सिन्धोः॑ । ऊ॒र्मा । वि । अक्ष॑रत् ॥ ९.३९.४
Rigveda » Mandal:9» Sukta:39» Mantra:4
| Ashtak:6» Adhyay:8» Varga:29» Mantra:4
| Mandal:9» Anuvak:2» Mantra:4
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ARYAMUNI
Word-Meaning: - (अयम् सः) यह वह परमात्मा है (यः) जो कि (दिवस्परि) अन्तरिक्ष के भी ऊर्ध्वभाग में वर्तमान है (रघुयामा) और शीघ्र प्रगतिवाला है (पवित्रे आ) और ज्ञानयोगियों के पवित्र अन्तःकरण में निवास करता है तथा (सिन्धोः ऊर्मा व्यक्षरत्) जो स्यन्दन शक्ति उत्पन्न करता है ॥४॥
Connotation: - उसी परमात्मा की अद्भुत शक्ति और सत्ता से सूर्यचन्द्रमादिकों का परिभ्रमण और नदियों का प्रवहन इत्यादि सम्पूर्ण गतियें उत्पन्न होती हैं ॥४॥
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ARYAMUNI
Word-Meaning: - (अयम् सः) अयं स परमात्मास्ति (यः दिवस्परि) द्युलोकादप्यूर्ध्वभागे वर्तमानः (रघुयामा) शीघ्रगामी (पवित्रे आ) ज्ञानयोगिनामन्तःकरणे निवासी (सिन्धोः ऊर्मा व्यक्षरत्) स्यन्दनशीलनद्यादिषु स्यन्दनशक्तिं जनयति ॥४॥