सु॒त ए॑ति प॒वित्र॒ आ त्विषिं॒ दधा॑न॒ ओज॑सा । वि॒चक्षा॑णो विरो॒चय॑न् ॥
English Transliteration
suta eti pavitra ā tviṣiṁ dadhāna ojasā | vicakṣāṇo virocayan ||
Pad Path
सु॒तः । ए॒ति॒ । प॒वित्रे॑ । आ । त्विषि॑म् । दधा॑नः । ओज॑सा । वि॒ऽचक्षा॑णः । वि॒ऽरो॒चय॑न् ॥ ९.३९.३
Rigveda » Mandal:9» Sukta:39» Mantra:3
| Ashtak:6» Adhyay:8» Varga:29» Mantra:3
| Mandal:9» Anuvak:2» Mantra:3
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ARYAMUNI
Word-Meaning: - (विरोचयन्) सब प्रकाशित वस्तुओं को प्रकाशमान करता हुआ (विचक्षाणः) और अखिल ब्रह्माण्ड का द्रष्टा (सुतः) वह स्वयम्भू परमात्मा (ओजसा त्विषिम् दधानः) अपने प्रताप से ज्ञान को धारण कराता हुआ (पवित्रे एति) विद्वानों के पवित्र अन्तः-करण प्राप्त होता है ॥३॥
Connotation: - यद्यपि परमात्मा सर्वव्यापक है, तथापि उसका स्थान विद्वानों के हृदय को इसलिये वर्णन किया गया है कि विद्वान् लोग अपने हृदय को उसके ज्ञान का पात्र बनाते हैं ॥३॥
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ARYAMUNI
Word-Meaning: - (विरोचयन्) सर्वं वस्तु प्रकाशयन् (विचक्षाणः) अखिलब्रह्माण्डस्य द्रष्टा (सुतः) स स्वयम्भूः परमात्मा (ओजसा त्विषिम् दधानः) स्वप्रतापेन ज्ञानं धारयन् (पवित्रे एति) विदुषां पवित्रेऽन्तःकरणे विराजितो भवति ॥३॥