स दे॒वः क॒विने॑षि॒तो॒३॒॑ऽभि द्रोणा॑नि धावति । इन्दु॒रिन्द्रा॑य मं॒हना॑ ॥
English Transliteration
sa devaḥ kavineṣito bhi droṇāni dhāvati | indur indrāya maṁhanā ||
Pad Path
सः । दे॒वः । क॒विना॑ । इ॒षि॒तः । अ॒भि । द्रोणा॑नि । धा॒व॒ति॒ । इन्दुः॑ । इन्द्रा॑य । मं॒हना॑ ॥ ९.३७.६
Rigveda » Mandal:9» Sukta:37» Mantra:6
| Ashtak:6» Adhyay:8» Varga:27» Mantra:6
| Mandal:9» Anuvak:2» Mantra:6
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ARYAMUNI
Word-Meaning: - (सः) वह परमात्मा (देवः) दिव्यगुणसम्पन्न है (कविना इषितः) विद्वानों द्वारा प्रार्थित होता है (इन्दुः) परम ऐश्वर्यसम्पन्न है (मंहना) महान् है (इन्द्राय अभि द्रोणानि) विद्वानों के अन्तःकरणों में (धावति) विराजमान होता है ॥६॥
Connotation: - यद्यपि परमात्मा सर्वत्र विद्यमान है, तथापि विद्याप्रदीप से जो लोग अपने अन्तःकरणों को देदीप्यमान करते हैं, उनके हृदय में उसकी अभिव्यक्ति होती है। इस अभिप्राय से यहाँ परमात्मा का विद्वानों के हृदय में निवास करना कथन किया गया है ॥६॥ यह ३७ वाँ और २७ वाँ वर्ग समाप्त हुआ ॥
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ARYAMUNI
Word-Meaning: - (सः) स परमात्मा (देवः) दिव्यगुणसम्पन्नः (कविना इषितः) विद्वद्भिः प्रार्थितः (इन्दुः) परमेश्वरः (मंहना) महान् चास्ति सः (इन्द्राय अभि द्रोणानि) विदुषामन्तःकरणेषु (धावति) विराजते ॥६॥ इति सप्तत्रिंशत्तमं सूक्तं सप्तविंशो वर्गश्च समाप्तः ॥