स वृ॑त्र॒हा वृषा॑ सु॒तो व॑रिवो॒विददा॑भ्यः । सोमो॒ वाज॑मिवासरत् ॥
English Transliteration
sa vṛtrahā vṛṣā suto varivovid adābhyaḥ | somo vājam ivāsarat ||
Pad Path
सः । वृ॒त्र॒ऽहा । वृषा॑ । सु॒तः । व॒रि॒वः॒ऽवित् । अदा॑भ्यः । सोमः॑ । वाज॑म्ऽइव । अ॒स॒र॒त् ॥ ९.३७.५
Rigveda » Mandal:9» Sukta:37» Mantra:5
| Ashtak:6» Adhyay:8» Varga:27» Mantra:5
| Mandal:9» Anuvak:2» Mantra:5
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ARYAMUNI
Word-Meaning: - (वृत्रहा) अज्ञानों का नाशक (वृषा) कामनाओं की वर्षा करनेवाला (सुतः) स्वयंसिद्ध (वरिवोवित्) ऐश्वर्यों का देनेवाला (अदाभ्यः) अदम्भनीय (सः सोमः) वह परमात्मा (वाजम् इव असरत्) शक्ति की नाईं व्याप्त हो रहा है ॥५॥
Connotation: - जिस प्रकार सूर्य (वृत्र) मेघों को छिन्न-भिन्न करके धरातल को जल से सुसिञ्चित कर देता है, इसी प्रकार परमात्मा सब प्रकार के आवरणों को छिन्न-भिन्न करके अपने ज्ञान का प्रकाश कर देता है ॥५॥
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Word-Meaning: - (वृत्रहा) अज्ञानच्छेदकः (वृषा) सर्वकामदः (सुतः) स्वयंसिद्धः (वरिवोवित्) विभूतिप्रदः (अदाभ्यः) अदम्भनीयः (सः सोमः) सः परमात्मा (वाजम् इव असरत्) शक्तिरिव व्याप्नोति ॥५॥