आ दि॒वस्पृ॒ष्ठम॑श्व॒युर्ग॑व्य॒युः सो॑म रोहसि । वी॒र॒युः श॑वसस्पते ॥
English Transliteration
ā divas pṛṣṭham aśvayur gavyayuḥ soma rohasi | vīrayuḥ śavasas pate ||
Pad Path
आ । दि॒वः । पृ॒ष्ठम् । अ॒श्व॒ऽयुः । ग॒व्य॒ऽयुः । सो॒म॒ । रो॒ह॒सि॒ । वी॒र॒ऽयुः । श॒व॒सः॒ । प॒ते॒ ॥ ९.३६.६
Rigveda » Mandal:9» Sukta:36» Mantra:6
| Ashtak:6» Adhyay:8» Varga:26» Mantra:6
| Mandal:9» Anuvak:2» Mantra:6
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ARYAMUNI
Word-Meaning: - (सोम शवसस्पते) हे अन्नादि ऐश्वर्यों के स्वामिन् परमात्मन् ! अपने उपासक के लिये (वीरयुः) वीरों की इच्छा करनेवाले तथा (अश्वयुः गव्ययुः) अश्व गौ आदिकों की इच्छा करनेवाले हैं (दिवः पृष्ठम् आरोहसि) और द्युलोक के भी पृष्ठ पर आप विराजमान हैं ॥६॥
Connotation: - ईश्वर सदाचारी और न्यायकारी लोगों के लिये धीरत्व वीरत्वादि धर्मों को धारण करता है और गो अश्वादि सब प्रकार के धनों से उन्हें सम्पन्न करता है ॥६॥ वह ३६ वाँ सूक्त और २६ वाँ वर्ग समाप्त हुआ ॥
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ARYAMUNI
Word-Meaning: - (सोम शवसस्पते) हे अन्नाद्यैश्वर्याधिपते परमात्मन् ! भवान् स्वोपासकाय (वीरयुः) वीरस्पृहः (अश्वयुः गव्ययुः) अश्वेभ्यो गोभ्यश्च स्पृहयति (दिवः पृष्ठम् आरोहसि) किञ्च द्युलोकस्यापि पृष्ठे विराजते ॥६॥ इति षट्त्रिंशत्तमं सूक्तं षड्विंशो वर्गश्च समाप्तः ॥