सु॒ता इन्द्रा॑य वा॒यवे॒ वरु॑णाय म॒रुद्भ्य॑: । सोमा॑ अर्षन्ति॒ विष्ण॑वे ॥
English Transliteration
sutā indrāya vāyave varuṇāya marudbhyaḥ | somā arṣanti viṣṇave ||
Pad Path
सु॒ताः । इन्द्रा॑य । वा॒यवे॑ । वरु॑णाय । म॒रुत्ऽभ्यः॑ । सोमाः॑ । अ॒र्ष॒न्ति॒ । विष्ण॑वे ॥ ९.३३.३
Rigveda » Mandal:9» Sukta:33» Mantra:3
| Ashtak:6» Adhyay:8» Varga:23» Mantra:3
| Mandal:9» Anuvak:2» Mantra:3
Reads times
ARYAMUNI
Word-Meaning: - (मरुद्भ्यः सुताः सोमाः) विद्वानों से कर्मोपासना से सिद्धि को प्राप्त हुए विद्वान् (विष्णवे अर्षन्ति) सर्वव्यापक परमात्मा के पद को प्राप्त होते हैं। जो परमात्मा (इन्द्राय) “इन्दति परमैश्वर्यं प्राप्नोतीतीन्द्रः” परमैश्वर्यसम्पन्न है तथा “वाति गच्छति सर्वत्र व्याप्नोतीति वायुः” सर्वव्यापक है। (वायवे) “व्रियते संभज्यते जनैरिति वरुणः” जो सबको भजनीय है, उसको प्राप्त होते हैं ॥३॥
Connotation: - जिन लोगों ने माता-पिता और आचार्य से सिद्धि को प्राप्त किया है, वे ज्ञान-कर्म-उपासना द्वारा ईश्वर को उपलब्ध करते हैं ॥३॥
Reads times
ARYAMUNI
Word-Meaning: - (मरुद्भ्यः सुताः सोमाः) विद्वद्भिः ज्ञानकर्मोपासना-सिद्धिगमिता विद्वांसः (विष्णवे अर्षन्ति) सर्वव्यापकस्य पदमधिगच्छन्ति यः परमात्मा (इन्द्राय) परमेश्वरः तथा (वायवे) सर्वव्यापकः (वरुणाय) सर्वेषां सेव्यश्चास्ति ॥३॥