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दि॒वस्पृ॑थि॒व्या अधि॒ भवे॑न्दो द्युम्न॒वर्ध॑नः । भवा॒ वाजा॑नां॒ पति॑: ॥

English Transliteration

divas pṛthivyā adhi bhavendo dyumnavardhanaḥ | bhavā vājānām patiḥ ||

Pad Path

दि॒वः । पृ॒थि॒व्याः । अधि॑ । भव॑ । इ॒न्दो॒ इति॑ । द्यु॒म्न॒ऽवर्ध॑नः । भव॑ । वाजा॑नाम् । पतिः॑ ॥ ९.३१.२

Rigveda » Mandal:9» Sukta:31» Mantra:2 | Ashtak:6» Adhyay:8» Varga:21» Mantra:2 | Mandal:9» Anuvak:2» Mantra:2


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ARYAMUNI

उक्त वीर परमात्मा से इस प्रकार प्रार्थना करते हैं।

Word-Meaning: - (इन्दो) हे परमैश्वर्य्ययुक्त परमात्मन् ! आप (वाजानाम्) सब प्रकार के ऐश्वर्यों के (पतिः) स्वामी हैं (दिवस्पृथिव्याः अधि) द्युलोक और पृथिवीलोक के बीच में (द्युम्नवर्धनः) ऐश्वर्य्य के बढ़ानेवाले (भव) हों ॥२॥
Connotation: - परमात्मा इस प्रकार उपदेश करता है कि हे शूरवीरों ! तुम लोग अपने परिश्रम के अनन्तर उस पराशक्ति से इस प्रकार की प्रार्थना करो कि हमारा ऐश्वर्य्य सर्वत्र फैले और हम द्युलोक और पृथिवीलोक के बीच में शान्ति को फैलायें ॥ तात्पर्य यह है कि मनुष्य कैसा ही ऐश्वर्यशाली हो अथवा तेजस्वी और ब्रह्मवर्चस्वी हो, पर फिर भी उसे पराशक्ति की सहायता लेनी पड़ती है, जिसने इस संसार को अपने नियमो में बाँध रखा है ॥२॥
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ARYAMUNI

उक्तविधैर्वीरैः परमात्मा एवं प्रार्थ्यते।

Word-Meaning: - (इन्दो) हे परमैश्वर्य्ययुक्त परमात्मन् ! भवान् (वाजानाम्) सर्वविधैश्वर्याणां (पतिः) स्वामी अस्ति (दिवस्पृथिव्याः अधि) द्यावापृथिव्योर्मध्ये (द्युम्नवर्धनः) ऐश्वर्य्यस्य वर्धयिता (भव) भवेत् ॥२॥