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ए॒ष ग॒व्युर॑चिक्रद॒त्पव॑मानो हिरण्य॒युः । इन्दु॑: सत्रा॒जिदस्तृ॑तः ॥

English Transliteration

eṣa gavyur acikradat pavamāno hiraṇyayuḥ | induḥ satrājid astṛtaḥ ||

Pad Path

ए॒षः । ग॒व्युः । अ॒चि॒क्र॒द॒त् । पव॑मानः । हि॒र॒ण्य॒ऽयुः । इन्दुः॑ । स॒त्रा॒ऽजित् । अस्तृ॑तः ॥ ९.२७.४

Rigveda » Mandal:9» Sukta:27» Mantra:4 | Ashtak:6» Adhyay:8» Varga:17» Mantra:4 | Mandal:9» Anuvak:2» Mantra:4


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ARYAMUNI

Word-Meaning: - (अस्तृतः एषः) यह उक्त अविनाशी परमात्मा (सत्राजित्) सब प्रकार के शत्रुओं को जीत कर सदाचारियों को (हिरण्ययुः) धन देता है और (पवमानः) पवित्र करता हुआ (अचिक्रदत्) निर्भयता का उपदेश करता है और वही परमात्मा (गव्युः) भूम्यादि धनों का दाता है (इन्दुः) प्रकाशस्वरूप है ॥४॥
Connotation: - परमात्मा जिन लोगों पर प्रसन्न होता है, उनको भूम्यादि धनों का स्वामी बनाता है और उनको हिरण्यादि ऐश्वर्यों का स्वामी बनाकर उनसे शत्रुओं को परास्त कराता है ॥४॥
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ARYAMUNI

Word-Meaning: - (अस्तृतः एषः) अयमुक्तोऽविनाशी परमात्मा (सत्राजित्) सर्वविधशत्रूणां विजयं कृत्वा सदाचारिभ्यो (हिरण्ययुः) धनं ददाति किञ्च (पवमानः) पुनानः (अचिक्रदत्) निर्भयतामुपदिशति स एव परमात्मा (गव्युः) भूम्यादि धनं वितरति (इन्दुः) प्रकाशरूपश्चास्ति ॥४॥