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तम॑मृक्षन्त वा॒जिन॑मु॒पस्थे॒ अदि॑ते॒रधि॑ । विप्रा॑सो॒ अण्व्या॑ धि॒या ॥

English Transliteration

tam amṛkṣanta vājinam upasthe aditer adhi | viprāso aṇvyā dhiyā ||

Pad Path

तम् । अ॒मृ॒क्ष॒न्त॒ । वा॒जिन॑म् । उ॒पस्थे॑ । अदि॑तेः । अधि॑ । विप्रा॑सः । अण्व्या॑ । धि॒या ॥ ९.२६.१

Rigveda » Mandal:9» Sukta:26» Mantra:1 | Ashtak:6» Adhyay:8» Varga:16» Mantra:1 | Mandal:9» Anuvak:2» Mantra:1


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ARYAMUNI

ईश्वर किस प्रकार बुद्धिविषय होता है, अब इस बात का उपदेश करते हैं।

Word-Meaning: - (विप्रासः) धारणा-ध्यानादि साधनों से शुद्ध की हुई बुद्धिवाले लोग (अण्व्या) सूक्ष्म (धिया) बुद्धि द्वारा (अदितेः अधि) सत्यादिक ज्योतियों के अधिकरणस्वरूप (तम् वाजिनम्) उस बलस्वरूप परमात्मा को (उपस्थे) अपने अन्तःकरण में (अमृक्षन्त) शुद्ध ज्ञान का विषय करते हैं ॥१॥
Connotation: - जिन लोगों ने निर्विकल्प-सविकल्प समाधियों द्वारा अपने चितवृत्ति को स्थिर करके बुद्धि को परमात्मविषयिणी बनाया है, वे लोग सूक्ष्म से सूक्ष्म परमात्मा का साक्षात्कार करते हैं। अर्थात् उसको आत्मसुख के समान अनुभव का विषय बना लेते हैं। तात्पर्य्य यह है कि जिस प्रकार अपने आनन्दादि गुण प्रतीत होते हैं, इसी प्रकार योगी पुरुषों को परमात्मा के आनन्दादि गुणों की प्रतीति होती है ॥१॥
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ARYAMUNI

अथेश्वरः केन प्रकारेण बुद्धिविषयो भवतीत्युच्यते।

Word-Meaning: - (विप्रासः) धारणाध्यानादिसाधनैः शुद्धबुद्धयोजनाः (अण्व्या) सूक्ष्मया (धिया) बुद्ध्या (अदितेः अधि) सत्यादिज्योतिषामधिकरणरूपं (तम् वाजिनम्) तं बलस्वरूपं परमात्मानं (उपस्थे) स्वीयान्तःकरणे (अमृक्षन्त) शुद्धज्ञानविषयीकुर्वन्ति ॥१॥