Go To Mantra

अ॒रु॒षो ज॒नय॒न्गिर॒: सोम॑: पवत आयु॒षक् । इन्द्रं॒ गच्छ॑न्क॒विक्र॑तुः ॥

English Transliteration

aruṣo janayan giraḥ somaḥ pavata āyuṣak | indraṁ gacchan kavikratuḥ ||

Mantra Audio
Pad Path

अ॒रु॒षः । ज॒नय॑न् । गिरः॑ । सोमः॑ । प॒व॒ते॒ । आ॒यु॒षक् । इन्द्र॑म् । गच्छ॑न् । क॒विऽक्र॑तुः ॥ ९.२५.५

Rigveda » Mandal:9» Sukta:25» Mantra:5 | Ashtak:6» Adhyay:8» Varga:15» Mantra:5 | Mandal:9» Anuvak:2» Mantra:5


Reads times

ARYAMUNI

Word-Meaning: - (अरुषः) प्रकाशमान परमात्मा (गिरः) वेदरूप वाणियों को (जनयन्) उत्पन्न करनेवाला (सोमः) संसार के उत्पन्न करनेवाला (इन्द्रम्) जीवात्मा को (आयुषक्) जो कि कर्मयोग में लगा हुआ है, (गच्छन्) प्राप्त होकर (पवते) पवित्र करता है (कविक्रतुः) वह परमात्मा सर्वज्ञ है ॥५॥
Connotation: - शुभाशुभ कर्मों के द्वारा परमात्मा प्रत्येक जीव को प्राप्त है। अर्थात् उनको शुभाशुभ कर्मों के फल देता है और वही परमात्मा वेदरूप वाणियों का प्रकाश करके पुरुषों को शुभाशुभ मार्ग दर्शाकर शुभ कर्मों की ओर प्रेरणा करता है ॥५॥
Reads times

ARYAMUNI

Word-Meaning: - (अरुषः) प्रकाशमानः परमात्मा (गिरः) वेदरूपा गिरः (जनयन्) उत्पादयन् (सोमः) संसारस्य स्रष्टा (इन्द्रम्) जीवात्मानं (आयुषक्) यः कर्मयोगे संसक्तस्तं (गच्छन्) प्राप्नुवन् (पवते) पवित्रयति स च परमात्मा (कविक्रतुः) सर्वज्ञः ॥५॥