अ॒भि गावो॑ अधन्विषु॒रापो॒ न प्र॒वता॑ य॒तीः । पु॒ना॒ना इन्द्र॑माशत ॥
English Transliteration
abhi gāvo adhanviṣur āpo na pravatā yatīḥ | punānā indram āśata ||
Pad Path
अ॒भि । गावः॑ । अ॒ध॒न्वि॒षुः॒ । आपः॑ । न । प्र॒ऽवता॑ । य॒तीः । पु॒ना॒नाः । इन्द्र॑म् । आ॒श॒त॒ ॥ ९.२४.२
Rigveda » Mandal:9» Sukta:24» Mantra:2
| Ashtak:6» Adhyay:8» Varga:14» Mantra:2
| Mandal:9» Anuvak:1» Mantra:2
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ARYAMUNI
Word-Meaning: - (गावः) इन्द्रियें (अभि अधन्विषुः) कर्मयोगियों में (आपः न) जल के समान (प्रवता) वेगवाली होती हैं और (यतीः) वशीभूत होती हैं (पुनानाः) वे वशीकृत इन्द्रियें मनुष्य को पवित्र करती हुई (इन्द्रम् आशत) परमात्मा को विषय करती हैं ॥२॥
Connotation: - कर्मयोगी पुरुषों की इन्द्रियें परमात्मा का साक्षात्कार करती हैं। यहाँ साक्षात्कार से तात्पर्य यह है कि वे परमात्मा को विषय करती हैं। जैसा कि “दृश्यते त्वग्र्या बुद्ध्या सूक्ष्मया सूक्ष्मदर्शिभिः” कठ० ३।१२। इस वाक्य में निराकार परमात्मा बुद्धि का विषय माना गया है। इसी प्रकार कर्मयोगी पुरुष की इन्द्रियें परमात्मा के साक्षात्कार के सामर्थ्य का लाभ करती हैं ॥२॥
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ARYAMUNI
Word-Meaning: - (गावः) इन्द्रियाणि कर्मयोगिषु (आपः न) जलमिव (प्रवता) वेगवन्ति (अभि अधन्विषुः) भवन्ति (यतीः) वशीभूतानि भवन्ति (पुनानाः) तानि च पवित्रीकुर्वाणानि (इन्द्रम् आशत) परमात्मानं विषयीकुर्वन्ति ॥२॥