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प्र॒वृ॒ण्वन्तो॑ अभि॒युज॒: सुष्व॑ये वरिवो॒विद॑: । स्व॒यं स्तो॒त्रे व॑य॒स्कृत॑: ॥

English Transliteration

pravṛṇvanto abhiyujaḥ suṣvaye varivovidaḥ | svayaṁ stotre vayaskṛtaḥ ||

Pad Path

प्र॒ऽवृ॒ण्वन्तः॑ । अ॒भि॒ऽयुजः॑ । सुस्व॑ये । व॒रि॒वः॒ऽविदः॑ । स्व॒यम् । स्तो॒त्रे । व॒यः॒ऽकृतः॑ ॥ ९.२१.२

Rigveda » Mandal:9» Sukta:21» Mantra:2 | Ashtak:6» Adhyay:8» Varga:11» Mantra:2 | Mandal:9» Anuvak:1» Mantra:2


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ARYAMUNI

Word-Meaning: - (प्रवृण्वन्तः) जो लोगों से भजन किया जाता (अभियुजः) जो दूसरों का प्रेरक (सुष्वये) सेवक के लिये (वरिवोविदः) धन देनेवाला (स्वयम्) स्वसत्ता से विराजमान (स्तोत्रे वयस्कृतः) और स्तोता के लिये अन्नादिकों को देनेवाला है ॥२॥
Connotation: - जिन लोगों को परमात्मा की विविध प्रकार की रचना पर विश्वास है तथा जो परमात्मा की अनन्य भक्ति करते हैं, उनको परमात्मा अनन्त प्रकार के ऐश्वर्य प्रदान करता है ॥२॥
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ARYAMUNI

Word-Meaning: - (प्रवृण्वन्तः) यो हि जनैः सम्यग्भज्यते (अभियुजः) यश्चान्येषां प्रेरकः (सुष्वये) सेवकाय (वरिवोविदः) धनानां दाता च (स्वयम्) स्वसत्तया विराजमानः (स्तोत्रे वयस्कृतः) स एव स्वस्तुतिकर्त्रे अन्नादीनां प्रदाता चास्ति ॥२॥