स वह्नि॑र॒प्सु दु॒ष्टरो॑ मृ॒ज्यमा॑नो॒ गभ॑स्त्योः । सोम॑श्च॒मूषु॑ सीदति ॥
English Transliteration
sa vahnir apsu duṣṭaro mṛjyamāno gabhastyoḥ | somaś camūṣu sīdati ||
Pad Path
सः । वह्निः॑ । अ॒प्ऽसु । दु॒स्तरः॑ । मृ॒ज्यमा॑नः । गभ॑स्त्योः । सोमः॑ । च॒मूषु॑ । सी॒द॒ति॒ ॥ ९.२०.६
Rigveda » Mandal:9» Sukta:20» Mantra:6
| Ashtak:6» Adhyay:8» Varga:10» Mantra:6
| Mandal:9» Anuvak:1» Mantra:6
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ARYAMUNI
Word-Meaning: - (सः सोमः) वह परमात्मा (अप्सु) लोक-लोकान्तर में विद्यमान है और (वह्निः) सबका प्रेरक है और (दुष्टरः) दुराधर्ष है (गभस्त्योः) अपने प्रकाश से (मृज्यमानः) स्वयं प्रकाशित है (चमूषु सीदति) न्यायकारियों की सेना में स्वयम् विराजमान होता है ॥६॥
Connotation: - यद्यपि परमात्मा के भाव सर्वत्र भावित हैं, तथापि जैसे न्यायकारी सम्राजों की सेनाओं में उनके रौद्र वीर भयानकादि भाव प्रस्फुटित होते हैं, ऐसे अन्यत्र नहीं ॥६॥
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ARYAMUNI
Word-Meaning: - (सः सोमः) स परमात्मा (अप्सु) प्रतिलोकं विद्यमानः (वह्निः) सर्वेषां प्रेरकश्च तथा (दुष्टरः) दुराधर्षोऽस्ति (गभस्त्योः) स्वप्रकाशैः (मृज्यमानः) प्रकाशमानः (चमूषु सीदति) न्यायकारिसेनाषु स्वयं विराजते च ॥६॥