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परि॒ यो रोद॑सी उ॒भे स॒द्यो वाजे॑भि॒रर्ष॑ति । मदे॑षु सर्व॒धा अ॑सि ॥

English Transliteration

pari yo rodasī ubhe sadyo vājebhir arṣati | madeṣu sarvadhā asi ||

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Pad Path

परि॑ । यः । रोद॑सी॒ इति॑ । उ॒भे इति॑ । स॒द्यः । वाजे॑भिः । अर्ष॑ति । मदे॑षु । स॒र्व॒ऽधाः । अ॒सि॒ ॥ ९.१८.६

Rigveda » Mandal:9» Sukta:18» Mantra:6 | Ashtak:6» Adhyay:8» Varga:8» Mantra:6 | Mandal:9» Anuvak:1» Mantra:6


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ARYAMUNI

Word-Meaning: - (यः) जो परमात्मा (उभे रोदसी) पृथिवी और आकाश इन दोनों लोकों में (वाजेभिः पर्यर्षति) ऐश्वर्यों के सहित व्याप्त है, वही (मदेषु) सब हर्षयुक्त वस्तुओं में (सर्वधाः) सब प्रकार की शोभा को धारण करानेवाला (असि) है ॥६॥
Connotation: - यद्यपि परमात्मा के ऐश्वर्य से कोई स्थान भी खाली नहीं, तथापि प्राकृत ऐश्वर्यों का स्थान जैसा द्युलोक और पृथिवीलोक है, ऐसा अन्य नहीं, इसी भाव से इन दोनों का वर्णन विशेष रीति से किया है ॥६॥
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ARYAMUNI

Word-Meaning: - (य) यः परमात्मा (उभे रोदसी) उभयोरपि द्यावापृथिव्योर्मध्ये (वाजेभिः पर्यर्षति) सहैश्वर्येण व्याप्नोति स एव (मदेषु) सर्वहर्षयुक्तद्रव्येषु सर्वविधशोभानां धारकः (असि) अस्ति ॥६॥