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प्र पु॑ना॒नस्य॒ चेत॑सा॒ सोम॑: प॒वित्रे॑ अर्षति । क्रत्वा॑ स॒धस्थ॒मास॑दत् ॥

English Transliteration

pra punānasya cetasā somaḥ pavitre arṣati | kratvā sadhastham āsadat ||

Pad Path

प्र । पु॒ना॒नस्य॑ । चेत॑सा । सोमः॑ । प॒वित्रे॑ । अ॒र्ष॒ति॒ । क्रत्वा॑ । स॒धऽस्थ॑म् । आ । अ॒स॒द॒त् ॥ ९.१६.४

Rigveda » Mandal:9» Sukta:16» Mantra:4 | Ashtak:6» Adhyay:8» Varga:6» Mantra:4 | Mandal:9» Anuvak:1» Mantra:4


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ARYAMUNI

Word-Meaning: - (चेतसा प्र पुनानस्य) चित्त को पवित्र करनेवाले द्रव्य का जो (सोमः) सोमरस है, वह (पवित्रे अर्षति) पवित्र लोगों में ज्ञान को उत्पन्न करता है, फिर वह मनुष्य (क्रत्वा) शुभकर्मों को करके (सधऽस्थम्) सद्गति को (आसदत्) प्राप्त होता है ॥४॥
Connotation: - सोमरस, जो कि पवित्र और सुन्दर द्रव्यों से निकाला गया है अर्थात् जो स्वभाव को सौम्य बनाता है, उसका रस मनुष्य में शुभ बुद्धि को उत्पन्न करता है ॥४॥
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ARYAMUNI

Word-Meaning: - (चेतसा प्र पुनानस्य) चित्तं पवित्रीकुर्वाणस्य द्रव्यस्य यः (सोमः) सोमरसोऽस्ति सः (पवित्रे) सत्कर्मसु ज्ञानमुत्पादयति ततः स मनुष्यः (क्रत्वा) शुभकर्माणि कृत्वा (सधऽस्थम्) सद्गतिं (आसदत्) प्राप्नोति ॥४॥