परि॑ दि॒व्यानि॒ मर्मृ॑श॒द्विश्वा॑नि सोम॒ पार्थि॑वा । वसू॑नि याह्यस्म॒युः ॥
English Transliteration
pari divyāni marmṛśad viśvāni soma pārthivā | vasūni yāhy asmayuḥ ||
Pad Path
परि॑ । दि॒व्यानि॑ । मर्मृ॑शत् । विश्वा॑नि । सो॒म॒ । पार्थि॑वा । वसू॑नि । या॒हि॒ । अ॒स्म॒ऽयुः ॥ ९.१४.८
Rigveda » Mandal:9» Sukta:14» Mantra:8
| Ashtak:6» Adhyay:8» Varga:4» Mantra:3
| Mandal:9» Anuvak:1» Mantra:8
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ARYAMUNI
Word-Meaning: - (सोम) हे परमात्मन् ! (दिव्यानि) दिव्य (पार्थिवानि) पृथिवीलोक के (विश्वानि वसूनि) सम्पूर्ण धनों के (मर्मृशत्) सहित (अस्मयुः) हमारे उद्धार की इच्छा करते हुए (परि याहि) हमको प्राप्त हों ॥८॥
Connotation: - पार्थिवानि यह कथन यहाँ उपलक्षणमात्र है अर्थात् पृथिवीलोक अथवा द्युलोक के जितने ऐश्वर्य हैं, उनको परमात्मा हमें प्रदान करे। इस सूक्त में परमात्मा के सर्वाश्रयत्व और सर्वदातृत्वादि अनेक प्रकार के गुणों का वर्णन किया है ॥८॥४॥ यह चौदहवाँ सूक्त और चौथा वर्ग पूरा हुआ ॥
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ARYAMUNI
Word-Meaning: - (सोम) हे परमात्मन् ! (दिव्यानि) विचित्राणि (पार्थिवानि) पृथिवीसम्बन्धीनि (विश्वानि वसूनि) सर्वाणि धनानि (मर्मृशत्) प्रयच्छन् (अस्मयुः) अस्मानुद्धर्त्तुमिच्छन् (परि याहि) अस्मान् प्राप्नुहि ॥८॥ चतुर्दशं सूक्तं चतुर्थो वर्गश्च समाप्तः ॥