जुष्ट॒ इन्द्रा॑य मत्स॒रः पव॑मान॒ कनि॑क्रदत् । विश्वा॒ अप॒ द्विषो॑ जहि ॥
English Transliteration
juṣṭa indrāya matsaraḥ pavamāna kanikradat | viśvā apa dviṣo jahi ||
Pad Path
जुष्टः॑ । इन्द्रा॑य । म॒त्स॒रः । पव॑मान । कनि॑क्रदत् । विश्वाः॑ । अप॑ । द्विषः॑ । ज॒हि॒ ॥ ९.१३.८
Rigveda » Mandal:9» Sukta:13» Mantra:8
| Ashtak:6» Adhyay:8» Varga:2» Mantra:3
| Mandal:9» Anuvak:1» Mantra:8
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ARYAMUNI
Word-Meaning: - (इन्द्राय) जो धर्मप्रिय विद्वानों का (जुष्टः) संगी है (मत्सरः) जो न्यायरूपी मद से मत्त है, वह (पवमानः) सबको पवित्र करनेवाला (कनिक्रदत्) सबको सदुपदेशदाता (विश्वा) सम्पूर्ण (अप द्विषः जहि) जो हमारे द्वेषादि हैं, उनको नाश करे ॥८॥
Connotation: - जो लोग ईश्वरपरायण होकर अपनी जीवनयात्रा करते हैं, परमात्मा उन के राग-द्वेषादि भावों को निवृत्त करता है ॥८॥
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ARYAMUNI
Word-Meaning: - (इन्द्राय) यो धर्मवतां विदुषां (जुष्टः) सहचरोऽस्ति (मत्सरः) यश्च न्यायमदेन मत्तश्च सः (पवमानः) सर्वस्य पावयिता (कनिक्रदत्) सर्वेभ्यः सदुपदेशदाता (विश्वा) कृत्स्नानि (अप द्विषः जहि) मम रागद्वेषानि नाशयतु सः ॥८॥