अजी॑जनो॒ हि प॑वमान॒ सूर्यं॑ वि॒धारे॒ शक्म॑ना॒ पय॑: । गोजी॑रया॒ रंह॑माण॒: पुरं॑ध्या ॥
English Transliteration
ajījano hi pavamāna sūryaṁ vidhāre śakmanā payaḥ | gojīrayā raṁhamāṇaḥ puraṁdhyā ||
Pad Path
अजी॑जनः । हि । प॒व॒मा॒न॒ । सूर्य॑म् । वि॒ऽधारे॑ । शक्म॑ना । पयः॑ । गोऽजी॑रया । रंह॑माणः । पुर॑न्ध्या ॥ ९.११०.३
Rigveda » Mandal:9» Sukta:110» Mantra:3
| Ashtak:7» Adhyay:5» Varga:22» Mantra:3
| Mandal:9» Anuvak:7» Mantra:3
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ARYAMUNI
Word-Meaning: - (पवमान) हे सबको पवित्र करनेवाले परमात्मन् ! आप (पयः, विधारे) जलों को धारण करनेवाले अन्तरिक्षदेश में (शक्मना) अपनी शक्ति से (सूर्यं) सूर्य्य को (अजीजनः) उत्पन्न करते हैं और (गोजीरया, पुरन्ध्या) पृथिव्यादि लोकों को प्रेरणा करनेवाली बड़ी शक्ति से भी (रंहमाणः) अत्यन्त वेगवान् हैं ॥३॥
Connotation: - इस मन्त्र का भाव यह है कि वह परमपिता परमात्मा, जो अभ्युदय तथा निःश्रेयस का दाता है, उसका प्रभुत्व विद्युत् से भी अधिकतर है ॥३॥
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ARYAMUNI
Word-Meaning: - (पवमान) हे सर्वपावक परमात्मन् ! भवान् (पयः, विधारे) जलधारकेऽन्तरिक्षप्रदेशे (शक्मना) स्वशक्त्या (सूर्यं) रविम् (अजीजनः) उत्पादयति (गोजीरया) पृथिव्यादिलोकानां प्रेरिका या शक्तिः (पुरन्ध्या) याऽतिमहती ततोऽपि (रंहमाणः) अधिकवेगवानस्ति॥३॥