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शु॒क्रः प॑वस्व दे॒वेभ्य॑: सोम दि॒वे पृ॑थि॒व्यै शं च॑ प्र॒जायै॑ ॥

English Transliteration

śukraḥ pavasva devebhyaḥ soma dive pṛthivyai śaṁ ca prajāyai ||

Pad Path

शु॒क्रः । प॒व॒स्व॒ । दे॒वेभ्यः॑ । सो॒म॒ । दि॒वे । पृ॒थि॒व्यै । शम् । च॒ । प्र॒ऽजायै॑ ॥ ९.१०९.५

Rigveda » Mandal:9» Sukta:109» Mantra:5 | Ashtak:7» Adhyay:5» Varga:20» Mantra:5 | Mandal:9» Anuvak:7» Mantra:5


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ARYAMUNI

Word-Meaning: - (देवेभ्यः) आप सब विद्वानों को (पवस्व) पवित्र करें। (सोम) हे सर्वोत्पादक परमात्मन् ! (दिवे) द्युलोक (पृथिव्यै) पृथिवीलोक (च) और (प्रजायै) प्रजा के लिये (शं) कल्याणकारी हों, (शुक्रः) क्योंकि आप बलस्वरूप हैं ॥५॥
Connotation: - परमात्मा सम्पूर्ण प्रजाओं के लिये आनन्द की वृष्टि करनेवाला है अर्थात् वही आनन्द का स्रोत होने के कारण उसी से आनन्द की लहरें इतस्ततः प्रचार पाती हैं, किसी अन्य स्रोत से नहीं ॥५॥
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ARYAMUNI

Word-Meaning: - (सोम) हे सर्वोत्पादक ! (देवेभ्यः, पवस्व) विदुषो भवान् पुनातु (दिवे) द्युलोकाय (पृथिव्यै) पृथिवीलोकाय (च) तथा च (प्रजायै) प्रजार्थं (शं) कल्याणं करोतु भवान् (शुक्रः) यतो बलस्वरूपो भवान् ॥५॥