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प्र सु॑वा॒नो अ॑क्षाः स॒हस्र॑धारस्ति॒रः प॒वित्रं॒ वि वार॒मव्य॑म् ॥

English Transliteration

pra suvāno akṣāḥ sahasradhāras tiraḥ pavitraṁ vi vāram avyam ||

Pad Path

प्र । सु॒वा॒नः । अ॒क्षा॒रिति॑ । स॒हस्र॑ऽधारः । ति॒रः । प॒वित्र॑म् । वि । वार॑म् । अव्य॑म् ॥ ९.१०९.१६

Rigveda » Mandal:9» Sukta:109» Mantra:16 | Ashtak:7» Adhyay:5» Varga:21» Mantra:6 | Mandal:9» Anuvak:7» Mantra:16


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ARYAMUNI

Word-Meaning: - (सहस्रधारः) अनन्तसामर्थ्ययुक्त परमात्मा (सुवानः) साक्षात्कार किया हुआ (विवारं, अव्यं, तिरः) आवरण को तिरस्कार करके (पवित्रं) पवित्र अन्तःकरण को (अक्षाः) अपने ज्ञान के प्रवाह से सिञ्चन करता है ॥१६॥
Connotation: - जब तक मनुष्य में अज्ञान बना रहता है तब तक वह परमात्मा का साक्षात्कार कदापि नहीं कर सकता, इसलिये जिज्ञासु को आवश्यक है कि वह परमात्मा के स्वरूप को ढकनेवाले अज्ञान का नाश करके परमात्मदर्शन करे। अज्ञान, अविद्या तथा आवरण ये सब पर्य्याय शब्द हैं ॥१६॥
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ARYAMUNI

Word-Meaning: - (सहस्रधारः) अनन्तसामर्थ्ययुक्तः परमात्मा (सुवानः) साक्षात्कृतः (विवारम्, अव्यं, तिरः) आवरणं तिरस्कृत्य (पवित्रम्) पूतान्तःकरणं (प्र, अक्षाः) स्वज्ञानप्रवाहेण सिञ्चति ॥१६॥