अ॒यं भरा॑य सान॒सिरिन्द्रा॑य पवते सु॒तः । सोमो॒ जैत्र॑स्य चेतति॒ यथा॑ वि॒दे ॥
English Transliteration
ayam bharāya sānasir indrāya pavate sutaḥ | somo jaitrasya cetati yathā vide ||
Pad Path
अ॒यम् । भरा॑य । सा॒न॒सिः । इन्द्रा॑य । प॒व॒ते॒ । सु॒तः । सोमः॑ । जैत्र॑स्य । चे॒त॒ति॒ । यथा॑ । वि॒दे ॥ ९.१०६.२
Rigveda » Mandal:9» Sukta:106» Mantra:2
| Ashtak:7» Adhyay:5» Varga:9» Mantra:2
| Mandal:9» Anuvak:7» Mantra:2
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ARYAMUNI
Word-Meaning: - (अयम्) उक्त परमात्मा जो (सानसिः) सबका उपास्य देव है, (सोमः) सर्वोत्पादक है, (सुतः) सर्वत्र विद्यमान है, वह गुणसम्पन्न परमात्मा (यथाविदे) यथार्थज्ञानी के लिये (भराय) जो स्वकर्तव्य से भरपूर है, (जैत्रस्य) जो जयशील है, (इन्द्राय) कर्मयोगी है, उसको (चेतति) बोधन करता है और अपने ज्ञान द्वारा (पवते) पवित्र करता है ॥२॥
Connotation: - परमात्मा विजयी पुरुषों को धर्म से जो विजय करनेवाले हैं, उनको अवश्यमेव अपने ज्ञान से बोधन करता है और अपने ऐश्वर्य्य से उन्हें सदैव उत्साहित बनाता है ॥२॥
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ARYAMUNI
Word-Meaning: - (अयं) अयं परमात्मा (सानसिः) सर्वैरुपास्यः (सोमः) सर्वोत्पादकः (सुतः) सर्वत्र विद्यमानः (यथाविदे) यथार्थज्ञानिने (भराय) स्वकर्तव्यपूर्णाय (जैत्रस्य) जयशीलाय (इन्द्राय) कर्मयोगिने (चेतति) बोधमुत्पादयति, स्वज्ञानेन च (पवते) पुनाति ॥२॥