पव॑ते हर्य॒तो हरि॒रति॒ ह्वरां॑सि॒ रंह्या॑ । अ॒भ्यर्ष॑न्त्स्तो॒तृभ्यो॑ वी॒रव॒द्यश॑: ॥
English Transliteration
pavate haryato harir ati hvarāṁsi raṁhyā | abhyarṣan stotṛbhyo vīravad yaśaḥ ||
Pad Path
पव॑ते । ह॒र्य॒तः । हरिः॑ । अति॑ । ह्वरां॑सि । रंह्या॑ । अ॒भि॒ऽअर्ष॑न् । स्तो॒तृऽभ्यः॑ । वी॒रऽव॑त् । यशः॑ ॥ ९.१०६.१३
Rigveda » Mandal:9» Sukta:106» Mantra:13
| Ashtak:7» Adhyay:5» Varga:11» Mantra:3
| Mandal:9» Anuvak:7» Mantra:13
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ARYAMUNI
Word-Meaning: - (हर्यतः) वह सर्वपूज्य परमात्मा (हरिः) जो सब, अवगुणों का हरण करनेवाला है, वह (रंह्या) ज्ञानरूप वेग से (ह्वरांसि) सब प्रकार की कुटिलताओं को (अति) अतिक्रमण करके (पवते) पवित्र करता है और (स्तोतृभ्यः) उपासकों को (वीरवत्, यशः) वीरसन्तान और यश (अभ्यर्षन्) देकर (पवते) पवित्र करता है ॥१३॥
Connotation: - परमात्मा परमात्मपरायण लोगों को सरलभाव प्रदान करके उनकी कुटिलताओं को दूर करता है और उनको वीर सन्तान देकर लोक-परलोक में तेजस्वी बनाता है ॥१३॥
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Word-Meaning: - (हर्यतः) सर्वपूज्यः (हरिः) परमात्मा (रंह्या) ज्ञानवेगेन (ह्वरांसि) अनेककौटिल्यानि (अति) अतिक्रम्य (पवते) पुनाति (स्तोतृभ्यः) स्वोपासकेभ्यः (वीरवद्यशः) वीरसन्तानसहितं यशः (अभ्यर्षन्) दत्त्वा (पवते) पुनाति ॥१३॥