Word-Meaning: - (गावः) इन्द्रियें (घृष्वयः) जो दीप्तिवाली हैं, वे (उ) और जो (प्रियाः) परमात्मा में अनुराग रखनेवाली हैं, वे (मदाय) आनन्द के लिये (समनूषत) परमात्मा का भली-भाँति साक्षात्कार करती हैं, (सोमासः) परमात्मा के सौम्य स्वभाव (पवमानासः) जो सबको पवित्र करनेवाले हैं, (इन्दवः) जो ज्ञानविज्ञानादि गुणों के प्रकाशक हैं, वे इन्द्रियों से साक्षात्कार किये हुए लोगों को संस्कृत करके (पथः कृण्वते) सन्मार्ग के यात्री बनाते हैं ॥८॥
Connotation: - गावः शब्द के अर्थ यहाँ इन्द्रियवृत्तियों के हैं, किसी गौ, बैल आदि पशुविशेष के नहीं, क्योंकि “सर्वेऽपि रश्मयो गाव उच्यन्ते” नि० २।१०। इस प्रमाण से प्रकाशक रश्मियों का नाम यहाँ गावः है ॥८॥