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अ॒यं पू॒षा र॒यिर्भग॒: सोम॑: पुना॒नो अ॑र्षति । पति॒र्विश्व॑स्य॒ भूम॑नो॒ व्य॑ख्य॒द्रोद॑सी उ॒भे ॥

English Transliteration

ayam pūṣā rayir bhagaḥ somaḥ punāno arṣati | patir viśvasya bhūmano vy akhyad rodasī ubhe ||

Pad Path

अ॒यम् । पू॒षा । र॒यिः॑ । भगः॑ । सोमः॑ । पु॒ना॒नः । अ॒र्ष॒ति॒ । पतिः॑ । विस्व॑स्य । भूम॑नः । वि । अ॒ख्य॒त् । रोद॑सी॒ इति॑ । उ॒भे इति॑ ॥ ९.१०१.७

Rigveda » Mandal:9» Sukta:101» Mantra:7 | Ashtak:7» Adhyay:5» Varga:2» Mantra:2 | Mandal:9» Anuvak:6» Mantra:7


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ARYAMUNI

Word-Meaning: - (अयम्) वह उक्त परमात्मा (पूषा) सबका पोषक है (भगः) ऐश्वर्य्य देनेवाला है (सोमः) सर्वोत्पादक है (पुनानः) सबको पवित्र करनेवाला है, (भूमनः, विश्वस्य) इस बृहद् ब्रह्माण्ड का (पतिः) स्वामी है और (रयिः) सम्पूर्ण धनों का हेतु है (उभे, रोदसी) द्युलोक और पृथिवीलोक को (व्यख्यत्) निर्माण करनेवाला है, उक्तगुणसम्पन्न परमात्मा अपनी विभुता से (अर्षति) सर्वत्र विराजमान हो रहा है ॥७॥
Connotation: - इस मन्त्र में द्युलोक और पृथिवीलोक का प्रकाशक परमात्मा को कथन किया है। इससे स्पष्ट सिद्ध है कि सोम शब्द के अर्थ यहाँ सृष्टिकर्ता परमात्मा के हैं, किसी जड़ वस्तु के नहीं ॥७॥
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ARYAMUNI

Word-Meaning: - (अयं) अयमुक्तपरमात्मा (पूषा) सर्वपोषकः (भगः) सर्वैश्वर्यदाता (सोमः) सर्वोत्पादकः (पुनानः) सर्वेषां पावयिता (भूमनः, विश्वस्य) महतोऽस्य ब्रह्माण्डस्य (पतिः) स्वाम्यस्ति (रयिः) सम्पूर्णधनस्य हेतुः (उभे, रोदसी) द्यावापृथिव्यौ (व्यख्यत्) निर्माति परमात्मा स्वप्रभुत्वेन (अर्षति) सर्वत्र विराजते ॥७॥