Go To Mantra

ए॒ते पू॒ता वि॑प॒श्चित॒: सोमा॑सो॒ दध्या॑शिरः । सूर्या॑सो॒ न द॑र्श॒तासो॑ जिग॒त्नवो॑ ध्रु॒वा घृ॒ते ॥

English Transliteration

ete pūtā vipaścitaḥ somāso dadhyāśiraḥ | sūryāso na darśatāso jigatnavo dhruvā ghṛte ||

Pad Path

ए॒ते । पू॒ताः । वि॒पः॒ऽचितः॑ । सोमा॑सः । दधि॑ऽआशिरः । सूर्या॑सः । न । द॒र्श॒तासः॑ । जि॒ग॒त्नवः॑ । ध्रु॒वाः । घृ॒ते ॥ ९.१०१.१२

Rigveda » Mandal:9» Sukta:101» Mantra:12 | Ashtak:7» Adhyay:5» Varga:3» Mantra:2 | Mandal:9» Anuvak:6» Mantra:12


Reads times

ARYAMUNI

Word-Meaning: - (विपश्चितः) विज्ञान के बढ़ानेवाले (एते) पूर्वोक्त, परमात्मा के विज्ञानादि गुण (पूताः) जो पवित्र हैं, (सोमासः) जो शान्त्यादि भावों के देनेवाले हैं, (दध्याशिरः) धृत्यादि सद्गुणों के धारण करनेवाले हैं, (सूर्यासः) सूर्य के (न) समान (दर्शतासः) सब मार्गों के प्रकाशक हैं, (जिगत्नवः) गीतशील (घृते) नम्रान्तःकरणों में (ध्रुवाः) स्थिर होते हैं ॥१२॥
Connotation: - जो लोग साधनसम्पन्न होकर अपने शील को बनाते हैं, उनके अन्तःकरणरूप दर्पण में परमात्मा के सद्गुण अवश्यमेव प्रतिबिम्बित होते हैं ॥१२॥
Reads times

ARYAMUNI

Word-Meaning: - (विपश्चितः) विज्ञानवर्धकाः (एते) एते परमात्मनो गुणाः (पूताः) ये च शुद्धाः (सोमासः) शान्त्यादिभावप्रदाश्च (दध्याशिरः) धृत्यादिसद्गुणानां धारयितारः (सूर्यासः, न) सूर्य इव (दर्शतासः) सर्वमार्गप्रकशकाः (जिगत्नवः) गतिशीलाः (घृते) नम्रान्तःकरणेषु (ध्रुवाः) स्थिरा भवन्ति ॥१२॥