व॒रि॒वो॒धात॑मो भव॒ मंहि॑ष्ठो वृत्र॒हन्त॑मः । पर्षि॒ राधो॑ म॒घोना॑म् ॥
English Transliteration
varivodhātamo bhava maṁhiṣṭho vṛtrahantamaḥ | parṣi rādho maghonām ||
Pad Path
व॒रि॒वः॒ऽधात॑मः । भ॒व॒ । मंहि॑ष्ठः । वृ॒त्र॒हन्ऽत॑मः । पर्षि॑ । राधः॑ । म॒घोना॑म् ॥ ९.१.३
Rigveda » Mandal:9» Sukta:1» Mantra:3
| Ashtak:6» Adhyay:7» Varga:16» Mantra:3
| Mandal:9» Anuvak:1» Mantra:3
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ARYAMUNI
Word-Meaning: - (वरिवोधातमः) हे परमात्मन् ! आप सम्पूर्ण धनों के देनेवाले (भव) हो। ‘वरिव इति धननामसु पठितम्’ नि २।१०। (मंहिष्ठः) सर्वोपरि दाता हो (वृत्रहन्तमः) सब प्रकार के अज्ञानों के नाशक हो (मघोनाम्) सब प्रकार के ऐश्वर्य्यों के पूर्ण करनेवाले हो (राधः) धनों को (पर्षि) हमको दें ॥३॥
Connotation: - परमात्मा से सब ऐश्वर्य्यों की प्राप्ति होती है और परमात्मा ही अज्ञान से बचाकर मनुष्य को सन्मार्ग में ले जाता है, इसलिये सर्वोपरि देव परमात्मा से ऐश्वर्य की प्रार्थना करनी चाहिये ॥३॥
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ARYAMUNI
Word-Meaning: - हे परमात्मन् ! त्वं (वरिवोधातमः) समस्तधनानां दाता (भव) भव, ‘वरिव इति धननामसु पठितम्’ निघण्टौ ॥२।१०॥ (मंहिष्ठः) सर्वोपरि दाता भव (वृत्रहन्तमः) निखिलज्ञानानां नाशको भव किञ्च (मघोनाम्) सर्वैश्वर्य्यपूरकम् (राधः) धनम् (पर्षि) अस्मभ्यं देहि ॥३॥