येना॒व तु॒र्वशं॒ यदुं॒ येन॒ कण्वं॑ धन॒स्पृत॑म् । रा॒ये सु तस्य॑ धीमहि ॥
English Transliteration
yenāva turvaśaṁ yaduṁ yena kaṇvaṁ dhanaspṛtam | rāye su tasya dhīmahi ||
Pad Path
येन॑ । आ॒व । तु॒र्वश॑म् । येन॑ । कण्व॑म् । ध॒न॒ऽस्पृत॑म् । रा॒ये । सु । तस्य॑ । धी॒म॒हि॒ ॥ ८.७.१८
Rigveda » Mandal:8» Sukta:7» Mantra:18
| Ashtak:5» Adhyay:8» Varga:21» Mantra:3
| Mandal:8» Anuvak:2» Mantra:18
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SHIV SHANKAR SHARMA
प्राणायाम का फल कहते हैं।
Word-Meaning: - हे प्राणो ! (येन) जिस व्यापार से (तुर्वशम्) कठिनता से विवश होनेवाले (यदुम्) अतिगमनशील मन की (आव) रक्षा करते हैं (येन) जिस व्यापार से आप (धनस्पृतम्) धनाभिलाषी (कण्वम्) आत्मा की रक्षा करते हैं (तस्य) उस व्यापार का (राये) सुखप्राप्ति के लिये (सु+धीमहि) अच्छे प्रकार ध्यान करें ॥१८॥
Connotation: - परमात्मा उपदेश देता है कि हे मनुष्यों ! प्राणायाम से इन्द्रियसहित मन और आत्मा की रक्षा होती है, अतः प्रतिदिन उसका अभ्यास करो और इससे तुमको शान्ति मिलेगी, अतः उसका ध्यान सदा रक्खो ॥१८॥
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ARYAMUNI
Word-Meaning: - (येन) जिस रक्षण से (तुर्वशम्, यदुम्) हिंसा को नष्ट करनेवाले मनुष्य को (आव) रक्षित किया (येन) और जिस रक्षा से (धनस्पृतम्, कण्वम्) धन चाहनेवाले विद्वान् को रक्षित किया (राये) धन के निमित्त हम (तस्य) उस रक्षण को (सुधीमहि) सम्यक् स्मरण करते हैं ॥१८॥
Connotation: - हे विद्वान् सैनिक नेताओ ! आप आध्यात्मिक विद्यावेत्ता विद्वानों के रक्षणार्थ अनन्त प्रकार के ऐश्वर्य्य प्रदान करते हैं, जिससे ब्रह्मविद्या की भले प्रकार उन्नति होती है ॥१८॥
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SHIV SHANKAR SHARMA
प्राणायामफलमाह।
Word-Meaning: - हे मरुतः प्राणाः। येन व्यापारेण यूयम्। तुर्वशम्=दुर्वशम्। यदुम्=गमनशीलं मनः। आव=रक्षथ। अवतेर्लिटि मध्यमपुरुषबहुवचने रूपम्। येन। धनस्पृतम्= धनाभिलाषिणम्। कण्वमात्मानम्। अवथ। तस्य=तं व्यापारम्। राये=धनाय। सुधीमहि=शोभनं ध्यायाम ॥१८॥
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ARYAMUNI
Word-Meaning: - (येन) येन रक्षणेन (तुर्वशम्, यदुम्) हिंसानाशकं जनं (आव) अरक्षत (येन) येन रक्षणेन च (धनस्पृतम्, कण्वम्) धनमिच्छन्तं विद्वांसं च आव (राये) धनाय (तस्य) तं रक्षणम् (सुधीमहि) सुष्ठु ध्यायाम ॥१८॥