बळृ॒त्विया॑य॒ धाम्न॒ ऋक्व॑भिः शूर नोनुमः । जेषा॑मेन्द्र॒ त्वया॑ यु॒जा ॥
English Transliteration
baḻ ṛtviyāya dhāmna ṛkvabhiḥ śūra nonumaḥ | jeṣāmendra tvayā yujā ||
Pad Path
बट् । ऋ॒त्विया॑य । धाम्नै॑ । ऋक्व॑ऽभिः । शू॒र॒ । नो॒नु॒मः॒ । जेषा॑म । इ॒न्द्र॒ । त्वया॑ । यु॒जा ॥ ८.६३.११
Rigveda » Mandal:8» Sukta:63» Mantra:11
| Ashtak:6» Adhyay:4» Varga:43» Mantra:5
| Mandal:8» Anuvak:7» Mantra:11
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SHIV SHANKAR SHARMA
Word-Meaning: - हे ईश ! (इयम्) हम लोगों से विधीयमान यह (अनुष्टुतिः) अनुकूल स्तुति (उ) निश्चय ही (ते) तेरी ही है, क्योंकि तू ही (तानि) उस-उस सृष्टिकरण पालन संहरण आदि (पौंस्या) जीवों के कल्याण के लिये वीर्य्य करता है। हे परेश ! तू ही (चक्रस्य+वर्तनिम्) सूर्य्य, चन्द्र, बृहस्पति आदि ग्रहों के चक्रों के मार्गों को (प्र+आवः) अच्छे प्रकार बचाता है ॥८॥
Connotation: - इससे भगवान् शिक्षा देते हैं कि अन्यान्य देवों को छोड़ कर केवल ईश्वर को ही स्रष्टा, पाता, संहर्त्ता समझो और उसी की महती शक्ति को देख इसके निकट शिर झुकाओ ॥८॥
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SHIV SHANKAR SHARMA
Word-Meaning: - हे ईश ! इयमु=अस्मिन् समये विधीयमाना खलु। अनुष्टुतिः=अनुकूला स्तुतिः। ते=तवैवास्ति। यतस्त्वमेव तानि-तानि सृष्टिकरणादीनि। पौंस्या=पौंस्यानि= पुरुषार्थानि वीर्य्याणि। चकृषे=करोषि। हे भगवन् ! त्वमेव। चक्रस्य=सूर्य्यादिग्रहाणां चक्रस्य। वर्तनिं=मार्गम्। प्रावः=प्रकर्षेण। अवसि=रक्षसि ॥८॥